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प्रकृति की रक्षा करना भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है. भारत की संस्कृति और भारत के समाज में बायो डायवर्सिटी को लेकर, पर्यावरण को लेकर हमारा स्वाभाविक आग्रह. बायो डाइवर्सिटी के संरक्षण को सरकार ने प्राथमिकता दी है. बाघों को बचने के लिए शुरू किये गए प्रोजेक्ट टाइगर के 50 साल पूरे हुए. इस प्रोजेक्ट की सफलता में SHG महिलाओं ने अहम भूमिका निभाई. पीएम मोदी ने SHG महिलाओं से बातचीत की और बांदीपुर की SHG महिलाओं को सराहा. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर्नाटक के बांदीपुर टाइगर रिजर्व का दौरा कर इंटरनेशनल बिग कैट्स एलायंस (IBCA) का शुभारंभ किया. इंटरनेशनल बिग कैट्स एलायंस (IBCA) दुनिया की सात प्रमुख बड़ी बिल्लियों यानि बाघ, शेर, तेंदुआ, हिम तेंदुआ, प्यूमा, जगुआर और चीता के संरक्षण एवं सुरक्षा के लिए काम करेगा.
इस अवसर पर पीएम मोदी ने प्रकाशन 'अमृत काल का विजन फॉर टाइगर कंजर्वेशन' और स्मारक सिक्के की भी शुरुआत की. पीएम मोदी ने बाघों की नई गणना रिपोर्ट जारी करते हुए बताया कि भारत में बाघों की संख्या 1411 से बढ़कर 3167 हो गई है. बढ़कर 3 हजार 167 हो गई है. 2006 में यह संख्या 1411 थी. इससे पहले 2018 व 2019 में जारी बाघों की गणना में 2967 संख्या पाई गई थी.
पीएम मोदी ने कहा, "हम सभी एक बहुत बेहत महत्वपूर्ण पड़ाव के साक्षी बन रहे हैं, प्रोजेक्ट टाइगर को 50 वर्ष हो गए हैं. भारत ने न सिर्फ टाइगर को बचाया है, बल्कि उसे फलनेफूलने का एक बेहतरीन ईको सिस्टम दिया है." प्रोजेक्ट टाइगर की सफलता न केवल भारत के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए गर्व की बात है. भारत ने अपनी आज़ादी के 75 साल पूरे किये और दुनिया के बाघों की आबादी का 75 % भारत में है.