हॉट व्हील्ज़: ऑटो शो बना ट्रोल शो

'हॉट व्हील्ज़'' के पहले एपिसोड में निहारिका रायज़ादा ने लक्ज़री कार मर्सिडीज-मेबैक एस-क्लास का रिव्यु किया. एपिसोड रिलीस होते ही सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने उन्हें उनके पहनावे, बोल्डनेस और एक्सेंट के लिए कॉमेंट कर ट्रोल किया.

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मिस्बाह
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Niharica Raizada Hotwheelz Mashable India trolled auto show

Image Credits: Mashable India

दुनिया में एक महिला को खुद की पहचान बना पाना कोई आसान बात नहीं.  अगर बात ऐसी फील्ड में काम करने की हो जिसे पारम्परिक तौर पर पुरुषों का क्षेत्र माना जाए तो मुश्किलें दोगुनी हो जाती हैं. फिर भी, कई महिलाओं ने दुनिया भर में पुरुष-प्रधान उद्योगों से लड़ने और अपना रास्ता खोजने में कामयाबी हासिल की हैं.  लेकिन समाज, व्यापार, खेल, फिल्म और भी कई उद्योगों में आज भी पुरुषों का वर्चस्व बना हुआ है. ऐसा ही एक उद्योग हैं ऑटोमोबाइल . पुरुष, महिलाओं से कार या बाइक के बारे में सलाह लेना पसंद नहीं करते. महिलाओं की रास्तों की समझ और ड्राइविंग का तो मज़ाक उड़ाया ही जाता है. ऐसे में अगर कोई महिला ऑटो रिवियु करे या कार शो होस्ट करे तो सोच भी नहीं सकते क्या होगा. ऐसा ही कुछ, निहारिका रायज़ादा के साथ हुआ जिन्होंने 'हॉट व्हील्ज़' नाम के ऑटो शो को होस्ट किया.  

निहारिका ने लंदन में मेडिकल की पढ़ाई की और वे इंग्लैंड की एक जानी-मानी हृदय रोग विशेषज्ञ बनीं. निहारिका रायज़ादा ‘मिस इंडिया यूके’ और ‘मिस इंडिया वर्ल्डवाइड’ की रनअप भी रह चुकी हैं. वे मॉडलिंग और एक्टिंग की दुनिया को आज़माने मुंबई आ गई. निहारिका अब तक टोटल धमाल, सुर्यवंशी, मसान सहित 16 फिल्मों में काम भी कर चुकी है. हॉट व्हील्ज़ शो में वे लक्ज़री कार्स को रिव्यु करती है. शो का पहला एपिसोड यूट्यूब पर प्रीमियर हुआ. इस एपिसोड में उन्होंने लक्ज़री कार मर्सिडीज-मेबैक एस-क्लास का रिव्यु किया. एपिसोड रिलीस होते ही सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने उन्हें उनके पहनावे, बोल्डनेस और एक्सेंट के लिए कॉमेंट कर ट्रोल किया. देखते ही देखते उनका इंस्टाग्राम और यूट्यूब नेगेटिव कॉमेंट्स से भर गया. 

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Image Credits: Mashable India

इंडिया में सिर्फ 23. 6 % महिलाएं ही ऑटोमोटिव इंडस्ट्री में काम करती हैं. अगर ऑटोमोबाइल रिव्यु की बात करें तो टॉप 10 रिव्यु यूट्यूब चैनल्स पुरुषों के हैं. ये नंबर सिर्फ लैंगिक असमानता ही नहीं पर, पुरुषों के कहे जाने वाले प्रोफेशन में महिलाओं की अस्वीकृति को भी दिखाते हैं. सही ज्ञान और समझ होने के बाद भी एक महिला अगर ऐसे व्यवसायों में अपनी पहचान बनाना चाहे तो उसकी विश्वसनीयता को उसकी काबिलियत से न नापकर, कपड़ों से तोला जाता है. इस मानसिकता की वजह से कई महिलाएं जॉब छोड़ने पर मजबूर हैं. समाज एक बेहतर जगह तब बन पायेगा जब उसमे सभी के लिए समानता और आदर हो. 

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