बड़े परदे पर चलती हुई फिल्म में जब कोई 5 माले बिल्डिंग से कूदता है या दहकते हुए घर में घुसना या कोई और स्टंट, आज भी जब ये देखते है तो दिमाग में सीधे एक आदमी का ख्याल आता है. ज़ाहिर है की स्टंट प्रोफेशन आज भी मेल डोमिनेटेड कामों में से एक है. हां ये बात बिल्कुल सच है की एक महिला के दिमाग में पहला ख्याल स्टंट वुमन बनने का नहीं आता, लेकिन इसका ये मतलब बिलकुल नहीं है कि महिलाएं यह कर नहीं सकती. एक महिला जो चाहे वो कर सकती है, चाहे घर संभालना हो ,या एक अभिनेत्री के लिए स्टंट करना.
भारत की पहली स्टंट वुमन थी, रेशमा पठान जिन्होंने शोले फिल्म में हेमा मालिनी के लिए स्टंट किये. वो पहली महिला थी जिन्होंने ऐसा कर दिखाया जिसे सिर्फ आदमियों का काम समझा जाता था. बस फिर क्या था, एक लहर सी शुरू हुई और महिलाएं भी स्टंट परफॉर्म करने के लिए आगे आने लगी. रेशमा पठान को पूरी इंडस्ट्री आज 'शोले गर्ल' के नाम से जानी जाती है. एक और नाम सनोबर परदीवाला जिन्होंने ऐश्वर्या राय के लिए स्टंट्स करके अपने करिअर की शुरुआत की और आज एक जानी मानी स्टंट परफ़ॉर्मर है. ऐसा ही एक और नाम है गीता टंडन जो बहुत सी बड़ी फिल्मो का हिस्सा रह चुकी है. गीता के कदम इस इंडस्ट्री में कदम एक स्टंट ऑडिशन से रखा और उसके बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. जब से फिल्मों में अभिनेत्रियों के स्टंट्स दिखाए जाने लगे है तब से लड़कियों ने इस काम में दिलचस्पी दिखाना शुरू कर दिया. ऐसे ना जाने कितनी महिलाओं के नाम आपको मिला जाएंगे जो आज एक स्टंट विमन है.
/ravivar-vichar/media/media_files/aobxKPhnUYUU2h2zNf3F.jpg)
रेशमा पठान (Image Credits: Filmfare India)
ज़ाहिर सी बात है इन सभी महिलाओं के लिए यह काम शुरू करना आसान नहीं होगा. परिवार और समाज की ना जाने कितनी बातें सुनने को मिली होंगी. यही के समय में तो फिर भी लोग स्वीकार कर लेते है, लेकिन ज़रा सोचिए वो दौर जब रेशमा ने पहली बार इस काम को किया. वो बताती है- "सिर्फ समाज ही नहीं बल्कि इंडस्ट्री में भी मुझे जगह बनाने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ी." उन्हें एक मेल स्टंट मैन से कम पेमेंट मिला करता था. उन्होंने इसके खिलाफ आवाज उठाई और वो आज पूरे देश में जानी जाती है. सनोबर ने ही खुद को पूरी इंडस्ट्री के सामने साबित किया और आज उनके काम की सरहाना हो रही है. रेशमा ने अपना घर छोड़ा और अपने दोनों बच्चो के साथ बस निकल पड़ी. हारना और डरना सीखा नहीं था क्योंकि अपने बच्चों को एक अच्छी ज़िन्दगी देने का जुनून सिर पर सवार था.
/ravivar-vichar/media/media_files/ZV33ddwkIQyaH5KifW1N.JPG)
गीता टंडन (Image Credits: Film Companion)
फिल्मों में किसी अभिनेत्री को कोई स्टंट करते हुए देखते है तो तालियां बजाने का मन करता है. क्या कभी उन स्टंट परफॉर्मर्स के बारे में सोचते है जो अपनी ज़िन्दगी दांव पर लगाकर असलियत में यह स्टंट कर रही है. तालियां उन महिलाओं के लिए बजाना चाहिए जो, परिवार, समाज, इंडस्ट्री, और इस खतरे के सामने भी डटकर खड़ी है.