परफेक्शन और ख़ूबसूरती वाली अदाकारा, जिसने सिर्फ बड़े परदे पर ही नहीं बल्कि छोटे परदे से लेकर थिएटर, हर जगह अपनी ऐसी छाप छोड़ी है कि आज तक उन्हें अपने किरदारों के नाम से याद करते है लोग. वर्सटैलिटी से भरे काम, और हर किरदार को जिया था उन्होंने. सुषमा सेठ, एक ऐसा नाम जिसको पूरी इंडस्ट्री में जाना जाता है उनके अनोखे और एवरग्रीन किरदारों के लिए. सुषमा सेठ को उनकी अचीवमेंट्स के लिए महिंद्रा एक्सीलेंस इन थिएटर अवार्ड्स (META) 2023 के लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया है.
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'एक चादर मैली सी' की रानो, 'टेमिंग ऑफ़ द श्रू' की कैथरीन, 'द लिटिल हट' की सुज़ैन, जैसे प्रमुख किरदार निभाए है सुषमा ने. वे आज भी कहती है कि उनके करियर में थिएटर का महत्व किसी भी फिल्म से कई ज़्यादा है. थिएटर के बाद टीवी पर अपने करियर की शुरुआत सुषमा सेठ ने छोटे परदे से की. 'हमलोग' वो आइकोनिक शो रहा जिसने हम सबकी गर्मियों की छुट्टियों को मज़ेदार बनाया है. सुषमा सेठ के करियर की शुरुआत इसी शो से हुई. इमरती देवी का किरदार लोगों को इतना पसंद आया था कि सुषमा को उसी के नाम से जाना जाने लगा.
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भले ही उन्हें फिल्मों तक आने में समय लगा, लेकिन उनकी जर्नी सराहनीय रही. 'जूनून' फिल्म के साथ सुषमा ने बॉलीवुड में एंट्री ली. 42 साल की उम्र में पहली फिल्म ज़रूर की, लेकिन उनका काम और अंदाज़ इतना खूबसूरत था कि लोगों को वे भा गयी. वो दिन था और आज का दिन है, सिलसिला, तवायफ, कभी ख़ुशी कभी गम, कल हो न हो, और ऐसी ना जाने कितनी फिल्में है जिनमें अपने हर कैरक्टर पर चार चांद लगाए है सुषमा ने.
87 की हो गयी है सुषमा सेठ, लेकिन आज भी वो हो ग्लो और ग्लेमर की मालकिन है. अपनी हर उम्र में उन्होंने, जो काम किया है, वह चाह कर भी नहीं भूला जा सकता. आज उनके जन्मदिन पर रविवार विचार एक सुपरहिट, वर्सटाइल, और, स्ट्रांग अदाकारा को विश करता है. लिफेटाइम अचीवमेंट अवार्ड विनर सुषमा सेठ इस बात का जीताजगता साबुत है कि फिल्मों में फेमस होने के लिए छोटी उम्र नहीं बल्कि बड़ा टैलेंट होना चाहिए.