माइक्रोफाइनेंस गरीबी एलिमिनेशन ही नहीं, बल्कि महिलाओं को सशक्त बनाने का बड़ा साधन है. क्रेडिट मिलना, महिलाओं को नए अवसर प्रदान करता है और इसी कारण आय बढ़ाने का भी काम हो जाता है. अधिक कमाई महिलाओं को घर के निर्णय लेने की प्रक्रियाओं में एक बड़ी भूमिका देकर और उनके जीवन को अधिक महत्व देती है. सामुदायिक स्तर पर माइक्रोक्रेडिट के लिए स्वयं सहायता समूहों सबसे महत्वपूर्ण है. भागीदारी की प्रक्रिया से सामाजिक मुद्दों और अधिकारों के बारे में जागरूकता SHG से बढ़ती है .
ऐसी ही एक पहल यूनाइटेड नेशंस ने अपने यूएनजेपी- आरडब्ल्यूईई खाद्य और कृषि संगठन, कृषि विकास के लिए अंतरराष्ट्रीय कोष, विश्व खाद्य कार्यक्रम और संयुक्त राष्ट्र महिला के साथ इथियोपिया में की. यह कार्यक्रम वहाँ "ग्रामीण महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में 'प्रगति' नाम से चलाया गया. इसको चार संयुक्त राष्ट्र संगठन तकनीकी और वित्तीय सहायता प्रदान करते हैं और यह कार्यक्रम संघीय, क्षेत्रीय और जिला स्तर के भागीदारों द्वारा कार्यान्वित किया जाता है.
UNJP-RWEE ने कम ब्याज दरों पर नकद ऋण प्रदान करने से शुरू किया. वित्तीय साक्षरता, उद्यमिता कौशल और व्यवसाय विकास में अतिरिक्त प्रशिक्षण प्रदान किया. ऋण की शुरआत लगभग 4,000 से 15,000 इथियोपियन बिर (लगभग 140 से 522 अमरीकी डॉलर) से और इसके ब्याज दरों को 2 से 11 प्रतिशत तक रखा. क्रेडिट के लिए सदस्यों को हर महीने एक निश्चित राशि की बचत करना और आवश्यक समूह गतिविधियों में भाग लेना आवश्यक किया गया.
सदस्यों को कृषि प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों तक पहुंच दी गयी साथ ही स्थानीय घरेलू खाद्य भंडार के नियंत्रण और प्रबंधन का प्रशिक्षण दिया गया. छोटे पैमाने पर बढ़ते चारे, सब्जी और फसल उत्पादन नवाचारों पर ध्यान दिया. सदस्यों को आर्थिक संसाधनों और नेतृत्व के संबंध में निर्णय लेने के साथ सामाजिक मानदंडों के बारे में अधिक जागरूकता को प्रोत्साहित किया.
इस तरह की पहल से इथियोपिया में महिलाओं को आर्थिक आज़ादी मिलना शुरू हुई और माइक्रोक्रेडिट, महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक सशक्त कदम बना. इथियोपिया में यह साबित हुआ की स्व-सहायता समूहों के माध्यम से माइक्रोलेंडिंग एक शक्तिशाली सामूहिक सशक्तिकरण पहल है और इसे कई देशों में सक्रियता से उपयोग में लाना चाहिए.