जॉर्डन में राष्ट्रीय सहायता कोष (NAF) की स्थापना 1986 में की गई थी, इसका उद्देश्य गरीब और जरूरतमंद परिवारों की सुरक्षा और देखभाल करना था. मासिक और आपातकालीन वित्तीय सहायता प्रदान करके जीवन स्तर को ऊपर उठाना और परिवारों को विकसित करने में सहायता करना प्रमुख लक्ष्य था. इसके सदस्यों के कौशल और क्षमताओं का विकास भी बड़ा मिशन था. इस मिशन ने ना केवल कमज़ोर परिवारों की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए, बल्कि जरूरतमंद परिवारों की महिलाओं को व्यावसायिक प्रशिक्षण और रोजगार देने के लिए कार्यक्रम भी चलाये जाते है.
महिलाओं की जरूरतों के लिए, NAF ने अरब क्षेत्र में पहला ‘मोबाइल रैपिड रिस्पांस सेंटर’ बनाया, जो नवीनतम इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से लैस है और सीधे फंड के मुख्य डेटाबेस से जुड़ा हुआ है. कमजोर परिवारों के लाभ के लिए लगभग 500 कर्मचारी NAF में काम करते हैं. राष्ट्रीय सहायता कोष (NAF) गरीबी को जड़ से ख़त्म करने के लिए और लाभकारियों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में काम करता है. NAF के प्रवक्ता नजेह सांवला ने कहा- "फंड सबसे कमजोर परिवारों को फलने-फूलने और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार करने में मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है. फंड लगभग 57 संकेतकों का पालन करता है, जिसमें स्वास्थ्य और शैक्षिक पहलू परिवार का आकार, परिवारों पर कर्ज का बोझ और अन्य प्रक्रियाएं शामिल हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके की बिना किसी परेशानी के सहायता सबसे कमजोर वर्गों तक पहुंचे." वे बताते है- "फंड के मासिक वित्तीय सहायता कार्यक्रम के लगभग 1,00,000 लाभार्थी हैं, और नया कार्यक्रम जो यूनिफाइड कैश ट्रांसफर प्रोग्राम है, वर्तमान में लगभग 1,20,000 व्यक्तियों की सहायता कर रहा है."
फंड के आर्थिक सशक्तिकरण के बारे में, NAF के प्रशिक्षण निदेशालय के निदेशक इब्राहिम ज़रीकात ने बताया- " NAF, फंड श्रम मंत्रालय, और व्यावसायिक प्रशिक्षण निगम जैसे अन्य स्टेकहोल्डर्स के साथ मिलकर काम करता है, ताकि श्रम में ज़्यादा मांग वाले कौशल प्रदान किए जा सकें." नजेह सांवला कहा, "आर्थिक विकास कोई कार्यक्रम नहीं है, बल्कि एक दिशा है, जिसका पालन हम परिवारों के फलने-फूलने की क्षमता बढ़ाने के लिए करते हैं." वर्तमान में 1,08,443 व्यक्ति फंड के मासिक सहायता कार्यक्रमों से लाभान्वित होते हैं, 10,68,347 व्यक्ति ब्रेड सब्सिडी कार्यक्रम से लाभान्वित होते हैं, 1,20,000 अन्य कई कार्यक्रमों के अलावा एकीकृत नकद हस्तांतरण कार्यक्रम से सहायता प्राप्त करते हैं. अरब देश जॉर्डन में शुरू हुए इस कार्यक्रम से गरीब परिवारों का सशक्तिकरण होना तय है. इस तरह के कार्यक्रम पूरी दुनिया में शुरू किया जाने चाहिए. भारत में भी ऐसी ही परिकल्पना के साथ चल रहे महिला स्वयं सहायता समूह एक बहुत अच्छी पहल है. अगर दुनिया में इस तरीके के फंड्स और भी शुरू कर दिए जाए तो बदलाव बहुत जल्द आ सकता है.