इंडोनेशिया के KSM का गोल महिलाओं की आर्थिक आज़ादी

ग्लोबलाइज़ेशन के इस दौर में इंडोनेशिया ने जो भी तरक्की करि वह शहरी क्षेत्रों तक सीमित रही.  समाज में हर तरह की असमानता खासकर आर्थिक बढ़ने लगी.  इस असमानता पर वार करने का काम आज 'केलोम्पोक स्वदया मस्यारकत' (KSM) या स्वसहायता समूह बखूबी कर रहे हैं.

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Image Credits: Google Images

17,000 से ज़्यादा द्वीपों से बना इंडोनेशिया एक ऐसा साउथ ईस्ट एशियाई देश है जिसे 27 करोड़ लोग अपना घर मानते हैं. ये देश प्राकृतिक संसाधनों खासकर खनिजों से समृद्ध है. लेकिन फिर भी गरीबी और बेरोज़गारी बड़ी समस्याएं हैं. इंडोनेशिया समुद्र तटों, ज्वालामुखियों और ट्रॉपिकल जंगलों के लिए दुनिया की पसंदीदा टूरिस्ट डेस्टिनेशन ज़रूर है लेकिन ग्रामीण इंडोनेशिया में गरीबी, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी समस्याएं हैं. साथ ही धार्मिक कट्टरवाद, असमानता, भ्रष्टाचार और पर्यावरण जैसे मुद्दे.

ग्लोबलाइज़ेशन के इस दौर में इंडोनेशिया ने जो भी तरक्की करि वह शहरी क्षेत्रों तक सीमित रही.  समाज में हर तरह की असमानता खासकर आर्थिक बढ़ने लगी. इस असमानता पर वार करने का काम आज स्वसहायता समूह बखूबी कर रहे हैं. इंडोनेशिया में स्वसहायता समूहों को 'केलोम्पोक स्वदया मस्यारकत' (KSM) या 'कम्युनिटी सेल्फ रिलायंस ग्रुप' के रूप में जाना जाता है. ये KSM समुदाय-आधारित संगठन हैं जो आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए संसाधनों और अवसरों तक पहुंचने में मदद करते हैं ताकि स्थानीय समुदाय सशक्त और आत्मनिर्भरता बन सकें. एशियन डेवलपमेंट बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2017 तक, इंडोनेशिया में 57,000 से अधिक ग्राम-स्तरीय स्वसहायता समूह हैं.  

यायासन कोपरनिक संगठन बाली में स्थित है और इंडोनेशिया में ग्रामीण समुदायों के लिए तकनीक और उत्पादन में इस्तेमाल होने वाले संसाधनों (रिसोर्सेस) तक पहुंच में सुधार के लिए काम करती है. मित्र वकाना महिला संसाधन केंद्र एक स्वसहायता समूह ने स्थापित किया जो इंडोनेशिया में शिक्षा, जागरूकता और समुदाय आधारित वर्कशॉप और सेमिनार के ज़रिये महिलाओं को फाइनेंशियल ट्रेनिंग एकर आर्थिक मज़बूती की ओर ले जाता है. कोपेरासी सेम्बाडा मकमुर स्वसहायता समूह मध्य जावा में स्थित है और ऋण, तकनीकी और मार्केटिंग  सहायता देकर छोटे किसानों की मदद का काम करता है.

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केलोम्पोक पेडुली लिंगकुंगन हिडुप समूह पर्यावरण के बचाव का काम करता है और इंडोनेशिया में स्थायी प्रथाओं को बढ़ावा देकर प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा करने के लिए समाज में जागरूकता फैलता है. कोपेरासी मित्र धुआफा KMP इंडोनेशिया में कम आमदनी वाले परिवारों  को आसाम लोन देता है ओर महिलाओं, बच्चों और विकलांग लोगों को प्राथमिकता मिलती है.

बाली में बदहाली से परेशान होकर महिला किसानों ने समूह SARI बनाया ओर बचत कर चावल की खेती शुरू की. वे अब बाली में रेस्तरां, होटल और सुपरमार्केट में अपने उच्च गुणवत्ता वाले जैविक चावल बेचते हैं जिससे उन्होंने मुनाफा कमाया और अपनी ज़रूरतों को पूरा किया.  रियाउ महिला KSM गांवों में महिलाओं के बीच साक्षरता और शिक्षा को बढ़ावा देने में सफल रहा. वे समुदायों में महिलाओं को पढ़ाते है ओर   अपना काम शुरू करने के लिए ट्रेनिंग भी देते हैं. जिसके बाद महलाओं ने अपना समूह बनाया ओर काम शुरू किया जिससे वो अपने पैरों पर खड़ी हुई ओर अपने परिवार ओर बच्चों को बेहतर ज़िंदगी दे पा रही हैं.

योग्याकार्ता सिटी में कर्तबुमी महिला सहकारी समिति टेम्पेह, टोफू और चावल जैसे पारंपरिक पकवानों की बिक्री करते हैं. दास्त फ़ूड के दौर में ये समूह ट्रेडिशनल फ़ूड को बढ़ावा देता है. पूर्वी जावा में महिलाओं के अधिकार, परिवार नियोजन और मातृ स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में सफल रहा. वे परिवार नियोजन और प्रजनन स्वास्थ्य के साथ-साथ माताओं और बच्चों के लिए पोषण और स्वच्छता शिक्षा के लिए जानकारी और सेवाएं प्रदान करते हैं जिसने उस इलाके में महिलाओं के स्वास्थ्य को लेकर समझ बड़ी है.

इंडोनेशिया में स्वसहायता समूह शिक्षा, उद्यमशीलता, पर्यावरण और स्वास्थ्य पहलों को बढ़ावा देकर महिलाओं को देश के विकास में भागीदार बना रहे हैं. इससे इंडोनेशियाई महिलाओं को रोज़गार, परिवार और समाज में बेहतर दर्जा और आजीविका के अवसर मिले जिससे उनकी आर्थिक आज़ादी के रास्ते खुले. 





आर्थिक आज़ादी 'कम्युनिटी सेल्फ रिलायंस ग्रुप' ग्लोबलाइज़ेशन KSM इंडोनेशिया