वियतनाम की नई उम्मीद स्वयं सहायता क्लब्स

हमारे देश में स्वयं सहायता समूह है, वैसे ही समूह दक्षिण एशिया के देश वियतनाम में 'सेल्फ हेल्प क्लब्स' है. वियतनाम स्वयं सहायता क्लब्स बुजुर्गों, अल्पसंख्यकों, ग्रामीणों और अन्य आबादी के पीछे छूट जाने के डर को ख़त्म कर रहे है.

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रिसिका जोशी
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vietnam selfhelp clubs

Image credits: UN

समुदाय जितने गरीब या पिछड़े हो, इन हालातों से बाहर निकलने के लिए एक साथ आकर एक दूसरे की मदद और देखभाल ही कारगर सिद्ध होती है. किसी भी देश को पिछड़ेपन से बाहर निकलने का सिर्फ एक ही मंत्र है, 'एकता'. जैसे हमारे देश में स्वयं सहायता समूह है, वैसे ही समूह दक्षिण एशिया के देश वियतनाम में 'सेल्फ हेल्प क्लब्स' है. वियतनाम में स्थानीय भागीदारों की मदद से 1,500 से ज़्यादा स्वयं सहायता क्लबों का एक नेटवर्क बन गया है. इन क्लब्स को कठिन समय में एक दूसरे का समर्थन करने के लिए ही बनाया गया. ये क्लब्स न केवल अपने सदस्यों को आर्थिक रूप से बल्कि उनके स्वास्थय और खुशहाली का भी ध्यान रखते है.  

वियतनाम स्वयं सहायता क्लब्स बुजुर्गों, अल्पसंख्यकों, ग्रामीणों और अन्य आबादी के पीछे छूट जाने के डर को ख़त्म कर रहे है. इन क्लब्स में शामिल होने के बहाने से ही सही, लेकिन इन लोगो को समय-समय पर स्वास्थ्य जांच से लेकर स्वयंसेवकों से मुफ्त सहायता, फाइनेंशियल सशक्तिकरण और सांस्कृतिक गतिविधियों में हिस्सा लेने तक सब कुछ हासिल कर लेते हैं.

वियतनाम में जितने भी SHGs बने वो सब 2 सालों के अंदर-अंदर ही आर्थिक रूप से आज़ाद हो गए. इसका पूरा श्रेय वहां की लोकल अथॉरिटीज और सर्विस प्रोवाइडर्स को जाता है. वियतनाम के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि है कि 10 साल में ही इस प्रोजेक्ट के पायलट फेस से सीधा 1,535 सेल्फ-हेल्प क्लब्स तक पहुंच गए जो की 63 शहरों में से 57 में अपना काम कर रहे है. 

अभी तक ये क्लब्स वियतनाम के 53,000 से ज़्यादा गरीब परिवारों की मदद कर चुके है. 10,000 परिवारों को उनके नैतिक हक़ दिलवा चुके है और 7,000 से ज़्यादा वंचित समुदाय के सदस्यों या विकलांग व्यक्तियों को सप्ताह में कम से कम दो बार नियमित होम-केयर सहायता प्राप्त की जाती है.

इन क्लबों ने साबित किया है कि वे कमजोर परिवारों के लिए अनौपचारिक, स्थायी, और सामाजिक सुरक्षा के लिए मजबूत रूप से काम कर सकते हैं. स्वयं सहायता क्लब्स बेहतर आय, स्वास्थ्य और देखभाल को सक्षम बनाते है. ये क्लब्स वंचित समूहों के अधिकारों पर सामूहिक आवाज उठाने का एक प्रभावी मंच साबित हुए है. जिन लोगों को पीछे छूट जाने का खतरा है, ये क्लब्स उन्हें शामिल करके लोगों की नज़रों दोबारा लाते हैं, जिससे वे एक बार फिर से अपने समुदायों को वो सारे हक़ दिलवा पाए जिन्हे आज तक इन लोगों से दूर रखा गया. वियतनाम में स्वयं सहायता समूह बहुत तेज़ी से आगे बढ़ रहे है और उम्मीद है कि वहां की सरकार, प्रशासन और लोकल अथॉरिटीज इन क्लब्स की हर तरीके से सहायता करेंगी.

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