स्टार्टअप्स को बढ़ने के लिए सही सलाह और सहायता की ज़रुरत होती है. ये काम इनक्यूबेटर (incubator) करता है जो नई कंपनियों के लिए साथी की तरह होता है. यह उन्हें बिना खर्चे के आगे बढ़ने में मदद करता है. अफ़्थोनिया लैब (Afthonia Lab) भारत का पहला और अब तक का इकलौता ऐसा इनक्यूबेटर है जो केवल फिनटेक इंडस्ट्री (Fintech Industry) की मदद करता है. 2019 में शुरू होने के बाद से यह अब तक 15 स्टार्टअप्स (Startups) की मदद कर चुका है. अफ्थोनिया लैब की सीईओ तनुल मिश्रा (CEO Tanul Mishra) फिनटेक के लिए नए और रोमांचक विचारों वाले स्टार्टअप्स का समर्थन कर रही हैं. अफ्थोनिया लैब की ऑल-वीमेन टीम (All-women team) स्मार्ट, इंटेलीजेंट और गोल ओरिएंटेड है .
अफ़्थोनिया लैब स्वतंत्र इनक्यूबेटर (independent incubator) है जो फिनटेक सेक्टर की कंपनियों को सफल होने में मदद करने के लिए हर स्टेज में उन्हें संसाधन और कार्यक्रम उपलब्ध करवाते हैं. यह प्रोग्राम पर्सनलाइज्ड और कस्टमाइज्ड प्रोग्राम (customized programme) देती है. इन कंपनियों की नेटवर्क कैपिटल, फाइनेंशियल कैपिटल (financial capital) तक पहुंच और मार्केट कनेक्शन (market connection) में मदद की जाती है.
अफ़्थोनिया लैब के सामने काफ़ी चुनौतियां आती हैं. कंपनी ऐसे व्यवसायों के साथ काम करती हैं जिन्होंने अभी-अभी अपना काम शुरू किया होता है, जिनके पास अक्सर सिर्फ बिज़नेस आईडिया होता है. व्यवसाय सफल होगा या नहीं इसका पता नहीं रहता. कई बार बीच में ही नियमों और कानूनों को बदलना पड़ता है. जिसकी वजह से अफ़्थोनिया को फ्लेक्सिबल होना ज़रूरी हो जाता है. इसके अलावा, इन्हें इंडस्ट्री के लेटेस्ट ट्रेंड्स और डेवलपमेंट्स के साथ अप-टू-डेट रहने की जरूरत होती है. अफ़्थोनिया लैब की USP दुनियाभर के मार्केट तक पहुंच और पर्सनलाइज्ड, कस्टमाइज्ड प्रोग्राम हैं.
कंपनी के पास IFSCA लाइसेंस भी है, जिसकी वजह से स्टार्टअप्स APAC बाज़ार खोल सकते हैं. इससे स्टार्टअप्स को तेजी से बढ़ते बाजार तक पहुंच मिलती है और बिज़नेस बड़ पाता है. तनुल मिश्रा ने अफ़्थोनिया लैब की शुरुआत कर यह साबित कर दिया है कि महिलाएं न सिर्फ नई कंपनी शुरू कर सकती हैं, पर वे अपने नए आईडिये के साथ अपनी अलग पहचान बना दुनिया में नया बेंचमार्क भी तय कर सकती हैं.