लंबे इंतज़ार के बाद एमपी पीएससी 2020 (MPPSC 2020) के घोषित परीक्षा परिणामों में महिला वर्ग की धूम रही. टॉप 3 में से दो सीटों पर कब्ज़ा महिला वर्ग का ही रहा. खास बात यह की ये दोनों महिला केंडिडेट (female candidate) ने इंदौर (Indore) में ही रह कर तैयारी कर रहीं थी. रिजल्ट घोषित होते ही परिजनों और मित्रों के साथ सफल कैंडिडेट्स ने जश्न मनाया. जल्द ही ये सफल केंडिडेट डिप्टी कलेक्टर पद की ट्रेनिंग के लिए जाएंगे.
महिला वर्ग में टॉपर और कॉमन लिस्ट में दूसरे नंबर पर रहीं निधि भारद्वाज (Nidhi Bharadwaj) कहती है -"सफलता मेहनत मांगती है. एकाग्रता और सोशल मिडिया (social media) से दूरी ने मुझे यह सफलता दिलाई. मेरी सक्सेस के पीछे मेरी बड़ी बहन के साथ माता-पिता और गुरुजन हैं. मैंने पीएससी की तैयारी का मन मनाते ही फेसबुक और व्हाट्सएप जैसे सोशल मिडिया से दूरी बना ली. सिर्फ नोट्स के लिए टेलीग्राम को रखा.आखिर मुझे मेरी मंज़िल मिल गई."
निधि भारद्वाज सेलेक्शन के बाद विक्ट्री साइन दिखाते हुए (Image Credits: Ravivar vichar)
निधि वैसे भोपाल (Bhopal) की रहने वाली हैं, लेकिन यहां रह कर तैयारी की. उन्हें 1575 नंबर्स में से 924 नंबर मिले. उनके पिता आर्मी में सूबेदार हैं और मां हाउस वाइफ हैं. निधि ने इंदौर के एसजीएसआईटीएस से इंजीनियरिंग की. पुणे में जॉब के दौरान ही पिता ने प्रोत्साहित किया. बस यही वजह निधि ने जॉब छोड़ कर इस एग्जाम की तैयारी में जुट गई. तीन बहनों में वे अपनी बड़ी बहन को खास श्रेय देती हैं,जो खुद पीएससी की तैयारी कर रहीं हैं.छोटी बहन ने लॉ की डिग्री कंप्लीट की है.
ऐसे केंडिडेट जो पीएससी या कॉम्पिटिटिव एग्जाम (competitive exam) की तैयारी कर रहें है उनके लिए निधि कहती है -"अपना फोकस क्लियर रहना चाहिए. अधिक से अधिक समय अपनी एकाग्रता और सोशल मिडिया से दूरी जरुरी है. संयमित जीवन और मेहनत पर भरोसा बनाए रखिए.वह खुद बीच-बीच में इंस्ट्रुमेंटल म्यूज़िक और टहलती थी. जो जरुरी है."
निधि को मिठाई खिलाते हुए (Image Credits: Ravivar vichar)
इसी के साथ तीसरे स्थान पर इंदौर की सिम्मी यादव ने जगह बना कर लेडी फर्स्ट का परचम लहरा दिया. इसी शहर की बेटी और बहु सिम्मी कहती हैं -"यदि कोई भी सकारात्मक विज़न लेकर ठन लिया जाए तो वही सफर मंज़िल बन जाती है. परिवार के सभी सदस्यों और गुरुजनों का ही आशीर्वाद है कि इतनी बड़ी सफलता मिली. इसी एग्जाम की तैयारी कर रहे कैंडिडेट्स को कहना चाऊंगी कि परिस्थितयां हमारे लक्ष्य से बड़ी नहीं हो सकती. बस मेहनत करते रहिए. अपनी ईमानदारी को बनाए रखिए." सिम्मी ने अपनी परिवार कि जवाबदारी को भी बखूबी निभाया. यह उन लोगों के लिए मिसाल बन गई,जो पारिवारिक जवाबदारियों के कारण बता कर मेहनत में कमी रख देते हैं.
सिम्मी यादव (Image Credits: Ravivar vichar)
पढाई के साथ दिनचर्या महत्वपूर्ण
इंदौर और दिल्ली सहित कई बड़े महानगरों में बड़ी संख्या में कॉम्पिटिटव एग्जाम की तैयारी के लिए बाहर से आए विद्यार्थी रह रहे. होस्टल्स,पेइंग गेस्ट्स में रह रहे कैंडिडेट्स को पढाई के अलावा अपनी लाइफ स्टाइल पर भी ध्यान देना चाहिए. न्यूट्रीशियन मेघा शर्मा कहती है -" ऐसे कैंडिडेट्स की की दिनचर्या और डाइट गड़बड़ा जाती है. ऐसी स्थिति में सादा और पौष्टिक भोजन को ही प्राथमिकता दें. तभी हेल्थ ठीक रहेगी.जंक फ़ूड से बचना चाहिए. यह मेटाबॉलिज़्म के लिए ठीक नहीं है."
ऐसे कैंडिडेट्स को लेकर इंटरनेशनल योग एक्सपर्ट और राइटर पूजा शर्मा कहती हैं -"कॉम्पिटिटिव एग्जाम की तैयारी में कैंडिडेट्स बहुत मेहनत करते हैं. घण्टों सीट पर बैठते हैं.साथ ही अपनी नींद को भी कई बार नज़रअंदाज़ कर देते हैं. शुरुआत में ठीक लगता है,लेकिन एग्जाम डेट आते-आते हेल्थ पर प्रभाव पड़ने लगता है. लगातार बैठने की बजाए बीच में ब्रेक देकर टहलें. नींद पूरी लें, नहीं तो याददाश्त पर फर्क पड़ने लगता है. साथ में हल्के आसान और मेडिटेशन का समय जरूर निकालें. इससे एग्जाम रिजल्ट तक आत्मविश्वास बना रहेगा."