‘लड़कियों को पढ़ा लिखा के क्या करेंगे, आखिर उन्हें संभालना तो घर ही है’, ऐसा कहते हुए तो बहुत लोगों को सुना होगा आपने. लेकिन कल आये भारत की सबसे मुश्किल परीक्षा Union Public Service Commission (UPSC) के रिजल्ट को देखकर हर उस व्यक्ति के मुँह पर ताला लग गया होगा, जो लड़कियों को किसी से भी कम समझते है. सिर्फ पहली रैंक ही नहीं, बल्कि दूसरी, तीसरी, और चौथी, रैंक भी लड़कियों ने अपने नाम करी. इशिता किशोर, गरिमा लोहिया, उमा हरथी एन और स्मृति मिश्रा वो चार नाम है जिन्होंने फर्स्ट फोर रैंक्स अपने नाम करी है.
इशिता किशोर (First ranker UPSC) ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन कम्पलीट किया है. सिर्फ पढ़ाई ही नहीं बल्कि एथलेटिक्स में भी वह काफी आगे है. उन्होंने कॉलेज की पढाई के बाद दो साल अर्न्स्ट एंड यंग के साथ रिस्क एडवाइजर (Risk Advisor) के रूप में काम किया. इतना सब कुछ करने के बाद भी पढ़ाई के लिए टाइम निकलती थी इशिता. मेहनत रंग ले और आज वे UPSC जैसे एग्जाम में टॉप कर चुकीं है. बिहार के शहर बक्सर की गरिमा लोहिया ने बिना कोचिंग के UPSC जैसी कठिन परिस्क्षा में दूसरी रैंक हासिल की. वे भी दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन कम्पलीट कर चुकी है. उन्होंने बताया- "मैंने UPSC कि तैयारी कोविड के समय से ही करना शुरू कर दी थी."
उमा हरति एन है UPSC की तीसरी रैंक होल्डर जो की IIT Hyderabad से सिविल इंजीनियरिंग कम्पलीट कर चुकीं है. स्मृति मिश्रा, जिन्होंने UPSC में चौथी रैंक हासिल की, वे भी दिल्ली यूनिवर्सिटी से BSc कर चुकीं है. उन्होंने अपनी स्कूलिंग उत्तरप्रदेश के आगरा शहर में पूरी की. इन चारों ने साबित कर दिया कि लड़कियां अगर चाहे तो कुछ भी हासिल कर सकतीं है. हर काम में आगे होती है लड़कियां, चाहे फिर वह पढ़ाई हो, बिज़नेस हो, या घर. कुछ समय पहले भारत की चार लड़कियों ने भारत के लिए बॉक्सिंग में 'गोल्ड' हासिल किया था. वो भी चार थी, ये भी चार है, कला और फ़ील्ड्स बिल्कुल अलग लेकिन सिर्फ एक समानता, दृढ निश्चय.