सारी दुनिया का बोझ हम उठाते हैं

मंजू उन महिलाओं के लिए मिसाल बन गई जो ज़िंदगी से हार कर बैठ जाते हैं. पति के निधन और परिवार कि जवाबदारी ने मंजू को और मजबूत बना दिया.पिंक सिटी के रेलवे स्टेशन पर बाजू पर बंधा पीतल बिल्ला नंबर 15 अब स्वाभिमान कि निशानी बन गया.

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Jaipur lady coolie

जयपुर के रेलवे स्टेशन पर अपने काम में जुटी कुली मंजू देवी Image Credits: Ravivar Vichar

"जब महिलाएं बाइक चला रही,हवाई जहाज उड़ा रही तो मैं कुली का काम क्यों नहीं कर सकती. मेरी मेहनत परिवार की जवाबदारियों के आगे यात्रियों के लगेज का वज़न बहुत हल्का है. महिलाओं के लिए भी कोई काम कठिन नहीं. मेरी मेहनत का फल उस दिन समझ आया जिस दिन मैं राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के सामने खड़ी थी और उन्होंने कहा देश को आप पर गर्व है." 
जयपुर रेलवे स्टेशन का प्लेटफॉर्म नंबर 6 पर खड़ी कुली मंजू देवी ने बहुत गर्व से ये बात कही.

बहुत पहले एक फिल्म आई थी चर्चित कुली. बिल्ला नंबर 786 और हीरो अमिताभ. लेकिन यहां बाजू पर न तो  बिल्ला नंबर 786 है न कोई अमिताभ की काल्पनिक मूवी. पिंक शहर जयपुर रेलवे स्टेशन की एक असली कहानी और उसकी लेडी कुली हीरो से आपको मिलवाते हैं.रेलवे स्टेशन की भीड़भाड़ और लगातार अनाउसमेंट के बीच यात्रियों की भीड़ को चीरती हुई लगेज से लदी ट्रॉली खींचते हुए मंजू दीदी दिख जाएंगी. पिछले दस वषों से अधिक समय से मंजू देवी यहां कुली का काम कर रही है. राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित मंजू देवी कई महिलाओं की प्रेरणा बनी हुई है.

पति के निधन के बाद कुछ समय परेशान रही,लेकिन हार नहीं मानी. मंजू आगे बताती है -" घर में कुल छह सदस्य है. सभी की जवाबदारी मुझ पर है. बच्चे पड़ रहें हैं. शुरू में लोगों ने मनोबल तोड़ा. कई लोगों ने कहा यह काम तुम्हारे बस का नहीं. कुछ और काम कर लो.मैं ठान लिया कि अलग पहचान बनाउंगी.और बिल्ला मिल गया नंबर 15." अधेड़ उम्र के इस पड़ाव पर भी मंजू के आंखों में गुलाबी चमक और चेहरा स्वाभिमान से दमक रहा है.रेलवे स्टेशन पर सभी कुली पुरुष हैं. मंजू ने साबित कर दिया कि कोई काम छोटा या बड़ा नहीं होता. शुरुआत में यात्री मंजू को देख अचरज में पड़ जाते थे. लाल यूनिफॉर्म और बाजु पर बिल्ला बांधे मंजू को कई बार लोग लगेज नहीं थमाते थे. मंजू कहती है -" लोगों को लगता था मैं ट्रॉली नहीं चला पाउंगी. लगेज नहीं खींच पाउंगी. समय के साथ लोगों ने मान लिया मैं कुछ भी कर सकती हूं.हम साडी दुनिया का बोझ हम उठा सकते हैं. अब दूसरे कुली भाई भी साथ देते हैं."

मंजू उन महिलाओं के लिए मिसाल बन गई जो ज़िंदगी से हार कर बैठ जाते हैं. पति के निधन और परिवार कि जवाबदारी ने मंजू को और मजबूत बना दिया.पिंक सिटी के रेलवे स्टेशन पर बाजू पर बंधा पीतल  बिल्ला नंबर 15 अब स्वाभिमान कि निशानी बन गया.

रिपोर्टर: वंदना तिवारी 

बिल्ला नंबर 786 हीरो अमिताभ पिंक शहर जयपुर जयपुर रेलवे स्टेशन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद लेडी कुली