पढ़ लिखकर क्या करोगी? खाना बनाना सीखो, शादी के बाद यही काम आएगा. हमने भी किचन संभाला है, तुम्हे भी आज नहीं तो कल यही करना होगा ! और ना जाने क्या क्या ! यह 'गुड फॉर नथिंग सोसाइटी' लड़कियों को आए दिन इस तरह की बहुत बातें बोलती रहती है. उसे भी कही होंगी, लेकिन वो अलग थी. बिना किसी की सुनें हर दिन 8 से 9 घंटे सिर्फ मन लगाकर पढ़ना, बस ये ही उसका काम था. उसने साबित कर दिया, की बातें करने वाले बहुत होते है, लेकिन कर के दिखाने की ताकत सब में नहीं होती. नंदिनी, 12वीं कक्षा में पढ़ने वाली लड़की जिसनें, तमिलनाडु बोर्ड में 600/600 मार्क्स लाकर रिकॉर्ड तोड़ दिया.
नंदिनी तमिलनाडु के डिंडीगुल जिले के अन्नामलाईयार गर्ल्स हायर सेकेंडरी स्कूल में पढ़ती है. उसके पिता सरवन कुमार एक कारपेंटर है. एक Lower Middle Class Family की लड़की, जिसके पास ना ज़्यादा सुविधाएं थी, ना ही ऐश-ओ-आराम. लेकिन सपने इतने बड़े, की तकलीफें और परेशानिया भी हार मान लें. जब नंदिनी ने खुद अपना रिजल्ट देखा तो उसे यकीन नहीं हुआ, लेकिन सच में उसने हर सब्जेक्ट में फुल मार्क्स स्कोर किये थे. तमिलनाडु के education department को भी यकीन नहीं हुआ की किसी बच्चें ने पहली बार पुरे मार्क्स स्कोर है. Tamilnadu के मुख्यमंत्री MK Stalin ने नंदिनी को विश्वास दिलाया कि उसकी Higher education के लिए सरकार पूरी मदद करेगी.
नंदिनी का सपना है कि उसे आगे जाकर ऑडिटर बनना है. उसने कहा- "जब मैं पढ़ाई करती थी, तब मेरे माँ-पापा ने सबसे ज़्यादा साथ दिया. उन्होंने मुझे हमेशा आगे बढ़ने के लिए कहा. पापा ने कहा अपने सपनों को पूरा करो." आज नंदिनी ने अपना सपना तो पूरा किया ही है, लेकिन जो ख़ुशी उसने अपना माता पिता को दी, उसका मुकाबला किया ही नहीं जा सकता. जितनी भी लड़कियों ने नंदिनी की इस कहानी को पढ़ा होगा, उनमें भी नया जोश आया होगा. तमिलनाडु के 12वीं में 96% से ज़्यादा लड़किया पास हुई है जबकि लड़कों में पास होने का प्रतिशत सिर्फ 91% है. जितने लोग लड़कियों को कम समझते है, उन्हें तमिलनाडु की इन लड़कियों के बारे में जान लेना चाहिए. और जहां तक रही नंदिनी की बात, उनसे तो साबित कर दिया, अगर एक लड़की चाहे तो नामुमकिन को भी मुमकिन बना सकती है.