एक फ़ोन कॉल. और मानो सब बदल गया. गीता मंजूनाथ को पता चलता है कि उनकी 42 साल की बहन अब दुनिया में नहीं रही. स्तन कैंसर के बारे में उनकी कज़िन को जब पता चला तब काफी देर हो चुकी थी. वह साल था 2016, जब गीता मंजूनाथ (Geetha Manjunath) ज़ेरॉक्स रिसर्च सेंटर इंडिया (XRCI) में डेटा एनालिटिक्स रिसर्च लेबोरेटरी (Data Analytics Research Laboratory) का नेतृत्व कर रही थी. सब सही चल रहा था, लेकिन उस कॉल ने उनकी जिंदगी बदल दी.
बेंगलुरु में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) में काम करते हुए, उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ने का फैसला किया. वे स्तन कैंसर का जल्द पता लगाने के लिए एक तकनीक आधारित समाधान खोजने के सफर पर निकल पड़ी. मैमोग्राम (mammogram) उनकी बहन का कैंसर डिटेक्ट (cancer detect) नहीं कर पाया. इसलिए, वे एक ऐसा उपकरण बनाना चाहती थी जो 45 वर्ष से कम उम्र की महिलाओं में कैंसर का जल्द पता लगा सके.
ज़ेरॉक्स के साथ काम करते समय उन्होंने थर्मल इमेजिंग (Thermal Imaging) के बारे में सीखा था. उसीका इस्तेमाल कर उन्होंने एक ऐसा डिवाइस तैयार किया जो अर्ली स्टेज में कैंसर का पता लगा लेता है और ट्यूमर की सही पोसिशन भी बताता है. उन्होंने निरमाई हेल्थ एनालिटिक्स लांच किया. उनका पेटेंटेड डायग्नोस्टिक सॉल्यूशन जिसे थर्मलीटिक्स के नाम से जाना जाता है, वे इस काम के लिए एआई और थर्मल इमेजिंग का इस्तेमाल करती है.
निरमाई को आज़माने के लिए गीता, कस्तूरबा मेडिकल कॉलेज, मणिपाल के साथ जुड़ी. उन्होंने एक प्रोजेक्ट के रूप में 72 कैंसर रोगियों की थर्मल स्क्रीनिंग की. इससे वो रोगियों के ट्यूमर का सही स्थान पता लगाने में सफल हुए. कुछ और अस्पतालों के साथ मिलकर उन्होंने इस प्रोडक्ट की सफलता को टेस्ट किया.
थर्मल इमेजेस की जांच-पड़ताल करने के लिए उच्च रिज़ॉल्यूशन थर्मल सेंसिंग डिवाइस और क्लाउड होस्टेड एनालिटिक्स का इस्तेमाल किया जाता है. इस टेस्ट में रेडिएशन का खतरा नहीं होता है.
अब तक, भारत के 29 शहरों में इसका उपयोग करके 75 हज़ार महिलाओं की जांच की जा चुकी है. डिवाइस वर्तमान में संयुक्त अरब अमीरात, केन्या और फिलीपींस में भी इस्तेमाल किया जा रहा है. इसे यूरोप और यूएसए में भी मंजूरी मिल गई है, जल्द ही वहां लॉन्च किया जाएगा. थर्मलीटिक्स के पास 29 स्वीकृत पेटेंट हैं. कंपनी ने हाल ही में भारतीय उद्योग परिसंघ (Confederation of Indian Industry -CII) का बौद्धिक संपदा पुरस्कार (intellectual property award) जीता है.
निरमाई ग्रामीण क्षेत्रों में हेल्थ कैम्प्स का आयोजन कर रहा है, जहां डायग्नोस्टिक टेस्ट (diagnostic tests) की पहुंच मुश्किल होती है.
राज्य सरकारों और गैर सरकारी संस्थानों के साथ काम कर रहे हैं. एसीटी के साथ मिलकर ग्रामीण क्षेत्रों में मुफ्त स्क्रीनिंग आयोजित कर रहे हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में, वे 100 रुपये से कम में टेस्ट करते हैं. "हम हर महिला का परीक्षण करना चाहते हैं, उसकी आर्थिक या भौगोलिक स्थिति कुछ भी हो,” गीता कहती हैं.
"हम स्तन कैंसर से होने वाली मौतों को रोकना चाहते हैं. उसके लिए हर साल हर महिला की स्क्रीनिंग होनी चाहिए. मैं धरती पर हर महिला तक पहुंचना चाहती हूं, यही मेरा लक्ष्य है,” गीता कहती हैं.