होंसलों की उड़ान से जीता वीरता पुरूस्कार

दीपिका वायु सेना पदक से सम्मानित होने वाली पहली महिला वायु सेना अधिकारी बनी. उन्हें इस वीरता पुरस्कार से भारतीय वायु सेना (IAF) के प्रमुख एयर मार्शल वीआर चौधरी ने सम्मानित किया.

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मिस्बाह
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Wing Commander Deepika Misra

Image Credits: CNBCTV18

आपने सुना होगा, 'मंजिल उन्हीं को मिलती है जिनके सपनो में जान होती है, पंखों से कुछ नहीं होता हौसलों से उड़ान होती है.' ये किसी कविता की पंक्ति नहीं, पर उन लोगों के जीवन की कहानी है, जिन्होंने अपने अटूट होंसलों की स्याही से ऐसी कहानियां लिखदी जो आने वाली पीढ़ी तक के लिए मिसाल बन गई. ऐसी ही एक कहानी विंग कमांडर दीपिका मिश्रा की है. दीपिका वायु सेना पदक से सम्मानित होने वाली पहली महिला वायु सेना अधिकारी बनी. उन्हें इस वीरता पुरस्कार से भारतीय वायु सेना (IAF) के प्रमुख एयर मार्शल वीआर चौधरी ने सम्मानित किया. 

विंग कमांडर दीपिका मिश्रा एक कुशल और प्रमाणित हेलीकॉप्टर पायलट के साथ-साथ एक योग्य उड़ान प्रशिक्षक के रूप में विशेषज्ञता रखती  हैं, साथ ही एक इंस्ट्रूमेंट रेटेड इंस्ट्रक्टर और परीक्षक हैं. 2021 को मध्य प्रदेश में अचानक आई बाढ़ के दौरान दीपिका ने आपदा राहत अभियान चलाने की ड्यूटी बखूबी निभाई थी. 8 दिन के रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान उन्होंने महिलाओं और बच्चों समेत 47 लोगों को सुरक्षित निकाला था. लगातार तेज़ बारिश, हवा के तेज झोंकों और सूर्यास्त के करीब होने के बावजूद, दीपिका मिश्रा ने उल्लेखनीय साहस का परिचय देते हुए चुनौतीपूर्ण मौसम का मुकाबला किया और वे प्रभावित क्षेत्र में पहुंचने वाली पहली और एकमात्र प्रतिवादी बनीं. 

उसके बाद, उनके सामने चार ग्रामीणों को एक छत से निकालने की चुनौती आई. सीमित दृश्यता और पानी के तेज़ बहाव के बावजूद, वह उनकी जान बचाने में सफल हुई. अपने बहादुरी और वीरतापूर्ण कामों से, न केवल उन्होंने प्रकृति के कहर के बीच कई लोगों की जान बचाई बल्कि बाढ़ से पीड़ित लोगों में सुरक्षा और आश्वासन की भावना भी जगाई. इसके अलावा दीपिका मिश्रा कई और अहम ऑपरेशन में भूमिका निभा चुकी हैं. दीपिका मिश्रा समेत 58 कर्मियों को राजधानी में आयोजित अलंकरण समारोह में वीरता पुरस्कार दिया गया. उन्हें सोशल मीडिया पर जबरदस्त प्रशंसा मिल रही है और वे कई लोगों के लिए प्रेरणा के रूप में उभर कर आई है.

दीपिका मिश्रा साल 2006 में विंग एयर फ़ोर्स अकादमी से पास आउट हुई जब एसएससी महिला पायलट्स को केवल सिंगल इंजन हेलिकॉप्टर उड़ाने की इजाज़त थी. 2010 में पहली बार महिला पायलट्स को भारतीय वायु सेना में ट्वीन-इंजन हेलीकॉप्टर उड़ाने की अनुमति मिली. 2014 में दीपिका सारंग की स्क्वाड्रन लीडर बनी. दीपिका मिश्रा पहली IAF महिला पायलट हैं जिन्हें इंफॉर्मेशन डिस्प्ले टीम में भी चुना जा चुका है. 

दीपिका मिश्रा ने अपनी हौसलों की उड़ान से वीरता पुरूस्कार जीता. आपदा के समय जब सब घर में सुरक्षा की ओर रुख करते हैं, तब दीपिका ने चुनौतीपूर्ण मौसम से लड़ कर लोगों की जान बचाई. महिलाओं को कमज़ोर समझकर घर से बाहर जाने तक की इजाज़त नहीं  होती, और दीपिका ने प्राकृतिक आपदा के समय बहादुरी दिखाई और साबित किया की अगर ठानलें तो हर मुसीबत से जीता जा सकता है. 

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