पीरियड्स को लेकर जागरूकता बिखेरता 'अल-क़रिया'

अल-क़रिया नारूपुरा में शुरू किया गया एक Self Help Group है, जो महिलाओं को मासिक धर्म (पीरियड्स) के मिथ्यों के बारे में जागरूक करता है और महिलाओं को सशक्त बनाने का सराहनीय काम कर रहा है.

author-image
रिसिका जोशी
New Update
Al-Qaria SHG

Image Credits: Feminist Giant

"मैंने कभी भी बचपन में पीरियड के वक़्त पड़ नहीं पहना क्यूंकि मुझे स्टोर से पैड खरीदने में शर्म आती थी," ये शब्द है, एक महिला के जो जुड़ी है, अल-क़रिया स्वयं सहायता समूह (SHG) की एक सदस्या है. अल-क़रिया नारूपुरा में शुरू किया गया एक Self Help Group है, जो महिलाओं को मासिक धर्म (पीरियड्स) के मिथ्यों के बारे में जागरूक करता है और महिलाओं को सशक्त बनाने का सराहनीय काम कर रहा है.

इस SHG को शुरू किया रिदवाना अख्तर ने, जिन्होंने ठान रखा है कि वे नारूपुरा की हर महिला को इतना सशक्त बना देंगी कि फिर आगे से कभी भी उन्हें पीरियड्स के नाम पर शर्माना नहीं पड़ेगा. रिदवाना ने नारुपुरा में महिलाओं के बीच मासिक धर्म स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता और ज्ञान की कमी देखने के बाद से अपने समुदाय में एक परिवर्तनकारी आंदोलन शुरू किया. मार्च 2023 में, उनकी कड़ी मेहनत सफल हुई और नारुपुरा में पहली बार सेनेटरी पैड विनिर्माण इकाई खोली गई.

Menstrual Health Awareness

Image Credits: AMNA

रीदवाना एक बुटीक के मालिक थी और और उर्दू में दर्शनशास्त्र में ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करने के बाद अपने समुदाय की महिलाओं के लिए सकारात्मक बदलाव लाना चाहती थीं. 2021 में, उन्हें नेनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट के "माई पैड माई राइट" कार्यक्रम के बारे में पता चला। बस फिर उन्होंने ठान लिया कि ये ही उंनका लक्ष्य है. 

इस कार्यक्रम की मदद से उन्हें मुफ्त सैनिटरी पैड बनाने वाली असेंबली मशीनें, कच्चे माल, प्रशिक्षण सामग्री और वित्तीय सहायता मिली. अख़्तर ने एक SHG की शुरुआत की और उसका नाम रखा अल-क़रिया SHG. अख्तर ने गांव में महिलाओं और युवा लड़कियों को मासिक धर्म स्वास्थ्य और स्वच्छता के बारे में शिक्षित करने की जिम्मेदारी ली. उन्होंने मिथकों को दूर करने और व्यक्तिगत स्वच्छता के महत्व, मासिक धर्म उत्पादों का उपयोग करने और मासिक धर्म से जुड़ी गलतफैमियों को दूर करने के लिए कम्पैनस भी आयोजित किए.

Menstrual Hygiene

Image Credits: iStock

रीदवाना अख्तर कहती है- "अब समय आ गया है कि हम पीरियड्स से जुड़ी जंजीरों से मुक्त हो जाएं और एक नई सोच को अपनाएं - जो खुली बातचीत, ज्ञान और सशक्तिकरण का समर्थक हो." अल-क़रिया के मासिक धर्म उत्पाद, जिन्हें 'निस्सा' के नाम से जाना जाता है, आराम और कॉलिटी को बढ़ावा देते हैं. यह सारे प्रोडक्ट्स सिर्फ पीरियड्स में महिलाओं के लिए  सुविधा का ही काम नहीं कर रहे, बल्कि उनकी विचार धरा को भी बदलने में एक बहुत बड़ा योगदान दे रहे है.

समाज में महिलाओं के लिए आज भी मेडिकल स्टोर से जाकर पैड खरीदना एक बहुत बड़ी समस्या है, गांव तो छोड़ ही दो, शहरों में भी लड़कियां आस पास किसी के न होने पर ही पैड खरीदती है. बचपन से ही उनके दिमाग में यह चीज़ बिठा दी गयी है कि पीरियड्स कुछ ऐसा है जिसे हमें सबके सामने नहीं बताना. इन्ही सब बातों के कारण लड़कियां और महिलाएं कभी खुल कर बात नहीं कर पाती और अकेली परेशान हो जाती है. लेकिन रीदवाना की पहल एक कदम है, महिलाओं को सशक्त और पीरियड्स को लेकर बोल्ड बनाने की ओर.

self help group माई पैड माई राइट अल-क़रिया नारूपुरा रिदवाना अख्तर मासिक धर्म स्वास्थ्य नारुपुरा अल-क़रिया स्वयं सहायता समूह SHG निस्सा