देश की महिला जिस दिन पूरी तरह से सशक्त बन जाएगी, देश के हालत बदल जाएंगे. यह बात को सच बनाने के लिए सरकार हो या खुद महिलाएं, आए दिन नए प्रयास करतीं रहती है. ऐसे ही एक प्रयास की कहानी है सूर्यापेट जिले के एक छोटा से गाँव ऐपुर की, जो पुरे देश में अब से महिला सशक्तिकरण के लिए एक राष्ट्रीय मॉडल के रूप में जाना जाएगा. भारत सरकार से दीन दयाल उपाध्याय पंचायत सत्त विकास पुरस्कार में सर्वश्रेष्ठ महिला अनुकूल गांव के लिए राष्ट्रीय स्तर का पुरस्कार प्राप्त करने वाला यह गांव न केवल महिला सशक्तिकरण के लिए खड़ा है, बल्कि महिला सुरक्षा पर भी बहुत ध्यान देता है.
अथमकुर (एस) मंडल में स्थित ऐपुर, सूर्यापेट के जिला मुख्यालय से लगभग 25 किलोमीटर दूर है और इसकी आबादी 6,487 है. इस सख्या में से 3199 आबादी महिलाओं की है और यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि महिलाएं गांव के प्रशासन में ज़्यादातर महिलाएं हैं. यह महज संयोग नहीं हो सकता कि गाँव के सरकारी स्कूल में एक प्रधानाध्यापिका है, या ग्राम पंचायत सचिव भी एक महिला है. गाँव की महिलाओं में जागरूकता से प्रेरित होकर, ऊर्जा मंत्री जगदीश रेड्डी ने अयपुर को गोद लिया और यह सुनिश्चित भी कर रहे है कि गांव को ज़्यादा फण्ड मिल पाए. ग्राम पंचायत ने महिलाओं और लड़कियों के लिए गांव में बथुकम्मा घाट और एक पार्क तैयार करवाया है और साथ ही महिलाओं और लड़कियों को आत्मरक्षा तकनीक सिखाने के लिए एक कराटे टीचर भी रखा गया है.
गाँव में 93 स्वयं सहायता समूह हैं, जिनमें 958 महिलाएँ सदस्य हैं. इन समूहों का मुख्या उद्देश्य है, गांव कि महिअलों कि वित्तीय समस्याओं को दूर करना. एक स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने गाँव में 3 करोड़ रुपये के साथ, एक मिनी डेयरी इकाई और तीन दूध के केंद्र स्थापित किए जिसमे वे अच्छा खासा कमा रही है. SHG की महिलाएं ने गांव में एक ऐश ब्रिक निर्माण इकाई, एक तेल मिल, एक कपड़ा दुकान और एक राशन की दुकान भी शुरू की. आश्चर्य की बात नहीं है कि आइपुर की महिलाएं के बराबर या उससे अधिक कमाती हैं. ऐपुर की ग्राम पंचायत को सर्वश्रेष्ठ महिला-हितैषी स्थानीय निकाय के रूप में चुने जाने के बाद 50 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्राप्त होगी, और इसके बाद महिलाओं की लिए एक लाइब्रेरी भी बनाई जाएगी. जैसे और बीच बहुत गांव है भारत में जहां महिलाएं बहुत आगे है. इस कहानी से प्रेरणा लेकर अगर हर गांव महिला सशक्तिकरण की राह पर चलने लगे हर गांव को ऐपुर जैसा बनने में देर नहीं लगेगी.