भारत में जन्नत कहीं है, तो है भारत के सर पर ताज बन कर बसने वाले जम्मू कश्मीर में. मन को मोह लेने वाली वादियां, दिल को सुकून देने वाला मौसम, और प्यारे लोग. जम्मू कश्मीर का नाम सुनते ही दिमाग और दिल खुश हो जाता है. दुनिया भर के लोग यहां आकर इतनी यादें लेकर जाते है. जम्मू कश्मीर का पर्यटन भारत के सबसे सुंदर पर्यटनों में से एक है.
एक और सुंदर जगह, दुग्गरधानी, जो लोगों को बहुत आकर्षित कर रही है, भी जम्मू कश्मीर की पहचान बनने को तैयार है. सुंदरता तो है ही इस जगह पर, लेकिन इसके साथ यह जगह प्रचलित है महिला सशक्तिकरण के परचम लहराने के लिए. जम्मू कश्मीर के रूढ़िवादी परिवारों की महिलाएं संभाल रहीं है इस जगह का सारा काम. यह वो गांव है जहां 1,500 महिला स्वयं सहायता समूह (SHG) के सदस्यों ने अपने रोज के काम को ही अपना करियर विकल्प बना लिया है.
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पौनी ब्लॉक की खेरल पंचायत में जिला विकास आयुक्त बबीला रकवाल ने इस गांव में लगने वाले हाट, 'श्री शिव खोरी' का उद्घाटन किया. इस हाट की खासियत एक नहीं अनेक है. आकर्षक लुक्स, सुंदरता से भरपूर, पारंपरिक और स्वादिष्ट खाने की खूशबू, और महिलाओं की मेहनत, यह सब एक बहुत बड़ा स्त्रोत बन चूका है, जिससे पर्यटक यहां तेजी से आकर्षित हो रहे है.
दुग्गरधानी के साथ, रकवाल ने क्लस्टर-स्तरीय महासंघ "नारी की पहचान" के 1,500 Self Help Group के सदस्यों के जीवन में बदलाव लाने का प्रयास भी किया है. अधिकारियों ने कहा कि इसे पर्यटन विभाग और ग्रामीण आजीविका मिशन मिलकर गृहणियों के पाक कौशल का उपयोग करने और उन्हें अपनी रसोई से आजीविका कमाने में सक्षम बनाने के लिए एक मंच के रूप में चलाया जा रहा है.
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महिला SHG सदस्यों ने दुग्गरधानी को एक कैरियर विकल्प में बदल दिया है और अपनी प्रतिभा को अपने घरों की चार दीवारों से परे ले गए हैं. दुग्गरधानी ने पारंपरिक हस्तशिल्प चाभरी बिन्ना (घास शिल्प), हैंडलूम और क्षेत्र के वैल्यू एडेड एग्रीकल्चर और हॉर्टिकल्चर प्रोडक्ट्स जैसे टिक्की मसाला, अचार, चटनी, जैम और पापड़ के लिए बाजार एक बाजार तैयार किया है.
क्वॉलिटी और किफायती कीमतें उनकी USP बन चुकी है. यह मिलने वाला हर खाद्य पदार्थ ताज़ा तैयार किया जाता है, इसीलिए बर्बादी का कोई कारण ही नहीं बनता. यह सारी महिलाएं अपने काम को बख़ूबी जानती है और पुरे हाट का नियंत्रण भी संभाल रहीं है.
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दुग्गरधानी को राज्य के पर्यटकों से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है. यह न केवल ग्रामीण आबादी की जरूरतों को पूरा कर रहा है इस हाट से ग्रामीण लोगों की पहुंच शहरों और बड़े ऑफिशल्स तक आ रही है. कश्मीर की वादियों में बढ़ रहा ये SHG एक पहल है महिला सशक्तिकरण की ओर. यह महिलाएं साबित कर रही है कि आगे बढ़ने के लिए कुछ सिर्फ चलना ज़रूरी है रास्ते तो अपने आप बनते जाते है.