"चलो गोवा चलते है." कोई कह दे, तो मन ख़ुश हो जाता है. और हो भी क्यों ना ? इतनी सुन्दर जगह जो है! घूमने के लिए, मस्ती के लिए, आराम करने ले लिए, खाने पिने के लिए, चाहे जो करना हो, गोवा से बेहतर राज्य मिलना मुश्किल है. हर जगह सिर्फ चहल पहल और मौज. लेकिन हर वक़्त की मस्ती वाले समुद्र तट (Beach) और पार्टियों से दूर, गोवा में, एक शांत खाड़ी है जहां Zuari River और Arabian Sea मिलते हैं. बस समंदर के पानी की शांति और कुछ नहीं ! यहीं आपको अक्सर गोवा की Seaweed Warrior Gabriella D'cruz अपने मिशन पर तैनात मिल जाएंगी. Oxford University से biodiversity conservation में मास्टर्स कर चुकी गैब्रिएला डी'क्रूज़ को "जीवन बदलने और Seaweed का उपयोग करके महासागरों को पुनर्जीवित करने" के लिए BBC Global Youth Campion Award भी मिल चूका है.
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गेब्रिएला के इस मिशन की शुरुआत तब हुई जब वे तमिलनाडु के एक छोटे से तटीय समुदाय का दौरा करने गयी थी. वह गांव अपनी आजीविका के लिए समुद्री शैवाल (Seaweed) पर निर्भर था. भारतीनगर (चेन्नई से 350 किमी) में, स्थानीय महिलाएं Seaweed इकट्ठा करने के लिए नेट बैग और रबर चप्पल के साथ दिन में लगभग सात से दस घंटे 30 फीट तक समुद्र में गोता लगाती हैं और इसे खाद्य और फार्मा कंपनियों को बेचतीं हैं. तब से ही, डिक्रूज ने द गुड ओशन को शुरू करने और भारत में 'खाद्य केंद्रित समुद्री शैवाल मूल्य श्रृंखला' (Edible Concentrated Seaweed Value Chain) के निर्माण में अपना सारा ध्यान दिया. डी'क्रूज़ का मानना है कि यह सीवीड भारत के लिए अमूल्य खजाना साबित होंगे.
निशा डिसूजा द्वारा चलायी जाने वाली गोवा स्थित एक Conservation Consulting Company 'EcoNiche' (ईकोनीश) की मदद से डिक्रूज देश के पहले दो Indian Seaweed farms को स्थापित कर चुकी है- यानी ऐसे फार्म (Farm) जो Seaweed की स्थानीय किस्मों की खेती करते हैं. Seaweed भोजन के आधार हैं, समुद्र में अन्य प्रजातियों के लिए प्रजनन का आधार हैं,महत्वपूर्ण मात्रा में कार्बन को एब्सॉर्ब कर समुद्र के acidification को कम करते हैं और nutrient scrubber के रूप में काम करते हैं. जापान में टॉप क्वालिटी Seaweed का एक छोटा डिब्बा 12,960 yen (8,500 रुपये प्रति पॉप) तक आता है. Global Beauty Industry ने भी अपने उच्च एंटीऑक्सिडेंट, अमीनो एसिड और विटामिन सी के लिए इसका बहुत मात्रा में उपयोग किया जाता है.
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भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले साल इस क्षेत्र के बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने के लिए 100 करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की थी. गेब्रिएला चाहती है की seaweed को संरक्षण मिले और इसकी लिए एक कानून भी बने. यहाँ, पोषक समुद्री पौधे का उपयोग मुख्य रूप से दवा उद्योग और खाद्य उत्पादों में, जिलेटिन के विकल्प के रूप में किया जाता है. गोवा में लगभग 145 किस्म के सीवीड पाए जाते है. एंटीऑक्सिडेंट और आयोडीन से भरपूर एक अत्यधिक पौष्टिक उत्पाद, समुद्री शैवाल भारत की बढ़ती कुपोषण समस्या से निपटने में मदद कर सकेगा. गेब्रिएला की कंपनी "The Good Ocean" देश में Seaweed को बढ़ावा देने के लिए पुरे देश में बहुत प्रजाति कर रही है. देश की महिलाएं भी उनकी इस कार्य में बहुत मदद कर सकती है. ऐसी महिआलें जो समुद्री तात से अपनी आजीविका बनती है, वे अगर गेब्रिएला डी-क्रूज़ के साथ मिलकर काम करें तो वे अपने जीवन को बहुत जल्द परिवर्तित कर सकेंगी.