जब वह निशाना लगाती है, तो अच्छे अच्छे धुरंदर भी उसके आगे टिक नहीं पाते. उसकी नज़रें, निशाने पर अड़ जाए, तो माजल है कोई उसे डजमगा पाए. दुनिया में अपनी अलग जगह बनाई है इस पर्सनालिटी ने. दीपिका कुमारी, पूरी दुनिया में महिला तीरंदाजी की मिसाल बन चुका है यह नाम. दीपिका ने इतनी शानदार परफॉरमेंस दी है कि पूरा विश्व उनकी तीरंदाजी का दीवाना हो चुका है. उनको जाना जाता है, एक दिन में तीन गोल्ड मैडल अपने नाम करने के लिए. पेरिस में चल रहे आर्चरी वर्ल्ड कप में हासिल किया था दीपिका कुमारी ने यह रिकॉर्ड.
जन्म हुआ झारखण्ड के शहर रांची के एक मिडिल क्लास परिवार में. लेकिन बचपन से सोच कभी मिडिल क्लास नहीं थी. पिता एक ऑटो चालक थे और मां मेडिकल कॉलेज में नर्स. बचपन से ठान लिया था दीपिका ने कि उसे तीरंदाजी का शौक है. छोटे से हाथ पेड़ से आम को इस तरह तोड़ते मनो कल ही देश के लिए गोल्ड मैडल लाएंगे. माता पिता अपनी बच्ची के इस हुनर को पहचान गए और उसे अर्जुन मुंडा की तीरंदाजी अकादमी में दीपिका का दाखिला करा दिया. यहां से दीपिका की प्रोफेशनल ट्रेनिंग शुरू हुई. इतने पैसे नहीं थे कि बो और एरो खरीद पाए, लेकिन जज़्बे कि कोई कमी नहीं थी. इसीलिए बांस से धनुष बनाकर प्रैक्टिस करती.
आख़िरकार मेहनत रंग लाई और साल 2006 में दीपिका का चयन टाटा तीरंदाजी अकादमी में हो गया. इसी साल मेक्सिको में आयोजित विश्व चैंपियनशिप में दीपिका कुमारी को कंपाउड सिंगल स्पर्धा में पहला स्वर्ण पदक मिला. अपने करियर का पहला स्वर्ण जीतने के साथ ही दीपिका ने देश का नाम भी रोशन किया. बस यहां से उन्होंने पीछे मुड़कर ना देखने का ठान लिया.सिर्फ 15 साल की उम्र में दीपिका ने अमेरिका में हुई 11वीं यूथ तीरंदाजी चैंपियनशिप में जीत हासिल की. साल 2010 में एशियन गेम्स में दीपिका ने ब्रोंज मैडल हासिल किया. राष्ट्रमंडल खेल 2010 में व्यक्तिगत स्पर्धा और महिला रिकर्व टीम प्रतियोगिता में गोल्ड जीता.
आज भारत की यह बेटी पुरे विश्व कि नंबर वन तीरंदाज है. सरकार ने भी उनको सम्मानित करने के लिए अर्जुन पुरस्कार, स्पोर्ट्सपर्सन ऑफ द ईयर अवार्ड, पद्म भूषण और यंग अचीवर्स अवार्ड से नवाज़ा. दीपिका कुमारी प्रेरणा बन चुकी है हर उस लड़की की, जो अपने सपनो को पूरा करने के लिए दिन रात मेहनत करती है. समाज ने दीपिका को भी बहुत कुछ कहा होगा, लेकिन वो जानती थी उसे जीवन में क्या करना है. रविवार विचार गर्व करता है दीपिका पर, और ऐसी हर महिला पर जो अपने सपनों को पूरा कर रही है.