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Image Credits : The Economic Times
महिला एक ऐसा स्तम्भ, जो घर के साथ साथ समाज को संभालती है. इस तरह समाज की प्रगति में महिलाओं का बहुत अधिक योगदान है. जब महिला समाज के लिए काम करती है तो उनकी भागीदारी सबसे ज़्यादा होती है. ऐसे ही नारी शक्ति का एक उदाहरण है दुर्गा शक्ति नागपाल (Durga Shakti Nagpal) जिन्होंने समाज के हित में बिना किसी लालच के काम किया, पर कुछ लोगो को ये बात रास नहीं आयी. इस तरह दुर्गा शक्ति राजनीती का भी शिकार हुई, उन्हें निलंबित भी किया गया पर उन्होंने हिम्मत नहीं हारी. उन्होंने समाज के लिए सच्चाई, ईमानदारी और नेकदिली से काम किया. जब उन पर मुश्किलों का तूफान उमड़ा, तब उन्हें जनता का साथ मिला, जिसके आगे पूरा सिस्टम ही हिल गया और उन्हें बहाल करना पड़ा.
दुर्गा शक्ति का जन्म छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के रायपुर (Raipur) जिले में 25 जून 1985 को हुआ. उनके पिता इंडियन स्टैटिस्टिकल सर्विस (Indian Statistical Service) में अधिकारी थे जहा उन्हें देश सेवा, ईमानदारी और पूरी निष्ठा से कार्य करने के लिए राष्ट्रपति द्वारा पदक से सम्म्मानित भी किया गया और उनके दादाजी पुलिस अधिकारी थे, जिनकी दिल्ली के सदर बाजार में 1954 में सेवा के दौरान हत्या कर दी गयी थी. दुर्गा शक्ति का जन्म एक ऐसे घर में हुआ जहाँ उन्हें देश सेवा, समाज के लिए ईमानदारी से काम करना और सच्चाई के पथ पर चलना सिखाया गया.
UPSC (Union Public Service Commission) की परीक्षा पास करने के बाद उन्हें पंजाब कैडर (Punjab Cadre) मिला और मोहाली (Mohali) में उनकी पोस्टिंग हुई, वहाँ उन्होंने भूमि घोटाले (Land Scam) को उजागर किया. ग्रेटर नॉएडा (Greater Noida) में पोस्टिंग के समय उन्होंने रेत माफिया के खिलाफ कार्यवाई की जहां उन्होंने अवैध खनन के खिलाफ ऑपरेशन चला कर 15 लोगो को गिरफ्तार किया और साथ ही 24 डम्पर ट्रक और 300 ट्रॉलियां जब्त की.
वर्ष 2012 में दुर्गा शक्ति नागपाल की पोस्टिंग गौतम बुद्ध नगर में SDM के पद पर की गयी, वहां यमुना नदी से ग्रेवल माफिया (Gravel Mafia) द्वारा अवैध खनन किया जा रहा था और इसकी भनक दुर्गा शक्ति (Durga Shakti) को लगी, जहा उन्होंने तुरंत एक्शन लेते हुए खुद की मौजूदगी में अचानक निरीक्षण किया और 30 ट्रको को जब्त कर लिया और अवैध खनन को जड़ से ही खत्म कर दिया.
ग्रेटर नॉएडा के ही एक गांव में काम चल रहे मस्जिद निर्माण की दिवार गिराने के आरोप में राजनीतिक कारणों से दुर्गा शक्ति को निलंबित कर दिया गया. उनके खिलाफ चार्जशीट दायर की गयी जिसमे कहा गया की उन्हें दिवार गिराने का कोई हक़ नहीं था. उनके निलंबन का लोगो ने बड़े पैमाने में विरोध किया जिसमे किरण बेदी जैसे कई जानी मानी हस्तिया और नेता शामिल थे. लोगो का साथ और जनता के समर्थन की वजह से उनका निलंबन 22 सितंबर 2013 को रद्द कर दिया गया और अक्टूबर में कानपुर देहात में जॉइंट मजिस्ट्रेट (Joint Magistrate) के तौर पर नियुक्ति मिली.
आईएएस (Indian Administrative Service) अफसर दुर्गा शक्ति नागपाल (IAS Durga Shakti Nagpal) जेंडर एम्पॉवरमेंट (Gender Empowerment) का जीता जगता उदाहरण है. अपने नाम के अनुरूप ही इन्होंने समाज में में फैली बुराइयों जैसे ग्रेवल माफियों के गैरकानूनी कब्ज़े को खत्म किया, राजनीती का भी शिकार हुई, उन्हें निलंबित भी कर दिया गया पर उन्होंने हिम्मत नहीं हारी. दुर्गा शक्ति ने समाज के लिए सच्चाई, ईमानदारी और नेकदिली से काम किया, जब उनपर मुश्किलों का तूफान उमड़ा तब उन्हें जनता का साथ मिला जिसके आगे पूरा सिस्टम ही हिल गया और उन्हें बहाल करना पड़ा.