देश हर में महिलाएं धीरे ही सही लेकिन सशक्त बनती जा रही है। खुदका और अपने परिवार का ध्यान तो हमेशा से ही करती आ रही है, पर अब कुछ ऐसी भी महिलाएं सामने आ चुकी है जो अपनी जैसी ना जाने कितनी महिलाओं को भी सशक्त और शिक्षित कर रही है। ऐसी ही एक महिला, ममता देवी है, जो कि बैंकिंग कॉरस्पॉडेंट सखी के तौर पर झांसी के ग्रामीण क्षेत्र में काम कर रही है। स्वयं सहायता समूह के माध्यम से यह अपने लिए रोजगार के अवसर पैदा कर रही हैं और साथ ही अपने गांव या कस्बे के लोगों की मदद करतीं हैं. ममता 'मां शेरावाली स्वयं सहायता समूह' की अध्यक्ष हैं. उन्होंने इस मशीन की मदद से अभी तक अपने गांव में 28 लाख से अधिक ट्रांजैक्शन किए हैं. गांव में किसी को पैसे निकलना, बिजली का बिल जमा करना, पैसा ट्रांसफर करना, या अन्य कोई वित्तीय काम हो तो ममता देवी उनके घर जाकर उनकी मदद करतीं ह। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने ममता देवी को उनके काम की सराहना करते हुए प्रशस्ति पत्र भी दिया.
ममता देवी ने बताया- " 3 साल पहले उन्होंने यह काम करना शुरू किया। समूह में और महिलाएं जुड़ती गई और आज वह आस-पास के गांव में भी सेवाएं देती हैं. इसके साथ ही लोगों को डिजिटल और वित्तीय जागरूकता के बारे में भी बताती हैं. अगर किसी व्यक्ति के पास अपनी साइनया ATM कार्ड ना हो तो उस व्यक्ति की आंख की पुतली को भी स्कैन कर ट्रांजैक्शन करने की सुविधा भी उपलब्ध है."
ममता देवी ने कहा, "उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से सम्मानित होना उनके और उनके समूह की महिलाओं के लिए गौरव का क्षण था." इस काम की वजह से उन्हें आमदनी तो होती ही है साथ में सम्मान भी मिलता है. अब वह आत्मनिर्भर हो चुकी हैं. वह इस काम को आगे भी करती रहेंगी. देश भर के स्वयं सहायता समूह की और भी महिलाएं बैंक सखी बनकर आत्मनिर्भर बन सकती है। इस प्रकार वो अपने परिवार अरु खुद को सुरक्षित ज़िंदगियाँ दे पाएंगी। आत्मनिर्भर भारत की और यह एक बहुत बड़ा कदम होगा।