स्ट्रॉबेरी और ड्रैगन फ्रूट की खेती से मालामाल

उत्तर प्रदेश के इटावा के जसवंतनगर की रहने वाली मंत्रवती देवी भी कुछ इसी वजह से अपने इलाके में लोगों के बीच तेजी चर्चित हो रही हैं. वे एक स्वयं सहायता समूह (SHG) से जुडी हुई है.

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रिसिका जोशी
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Strawberry farming

Image Credits: Strawberry Plants (Image for Representation Purpose Only)

देश की महिलाएं जिस तेजी से आगे बढ़ रहीं है, वे हर कार्य में अपना प्रभाव और योगदान देने में सबको पीछे छोड़ती जा रहीं है. चाहे तकनिकी काम हो या खेतीबाड़ी, कही भी वे पीछे नहीं है. उत्तर प्रदेश के इटावा के जसवंतनगर की रहने वाली मंत्रवती देवी भी कुछ इसी वजह से अपने इलाके में लोगों के बीच तेजी चर्चित हो रही हैं. वे एक स्वयं सहायता समूह (SHG) से जुडी हुई है. यही से उनको खेती से जुड़ने की प्रेरणा मिली. सबसे पहले उन्होंने आधे बीघा खेत में स्ट्रॉबेरी की खेती शुरू की. इससे बंपर मुनाफा कमाया. फिर इसी खेत में ही उन्होंने तरबूज भी लगा दिया. इस समय उनके खेतों में पीले तरबूजों की भरमार है जिनकी कीमत बाजार में सामान्य तरबूज से दोगुनी है. मंत्रवती देवी के मुनाफे में जैसे इजाफा हो रहा है, वह क्षेत्र की अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत बन रही हैं. 

मंत्रवती देवी ने बताया- "Self help group सखी की मदद से मैंने ड्रैगन फ्रूट की खेती भी शुरू कर दी है. ड्रैगन फ्रूट की खेती में फल 3 वर्ष बाद आते हैं और 25 वर्ष तक लगातार फलदाई पौधे होते हैं. इस फसल से भी मुझे काफी मुनाफा होने वाला है." बाकि किसान महिलाएं भी परंपरागत खेती की जगह ऐसी फसलें लगाए जो कम वक्त में बढ़िया मुनाफा दे तो यह एक बहुत अच्छा कदम साबित होगा. इसके लिए सरकार की तरफ से किसान महिलाओं को आर्थिक मदद भी दी जाती है. महिलाएं इस कदम से बहुत जल्द सशक्तिकरण की राह पर आगे बढ़ेंगी.

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