'भारत की गुड़िया' बनाती अफ्रीकी डॉल्स

राधिका ए जे की कहानी एक इंस्पिरेशन है हर उस व्यक्ति के लिए जो अपनी छोटी सी तकलीफ से डरता है और हार मान लेता है. चाहती तो राधिका भी अपनी किस्मत पर रो सकती थी, हर दिन परेशान हो सकती थी, लेकिन उसमें अपनी परेशानियों से लड़ने की हिम्मत थी.

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रिसिका जोशी
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Radhika A J

Image Credits: The Better India

छोटी सी गुड़िया, जो अपने घर वालो के लिए एक वरदान थी. चंचल थी, मस्ती करती थी, भागती दौड़ती रहती थी, सब देखकर बहुत खुश होते थे. एक दिन बस ऐसी ही खेलते खेलते ना जाने क्या हुआ, और गिर गयी. हां बच्चें गिरते रहते है, लेकिन राधिका जब गिरी तो 5 साल की छोटी सी उम्र में उसकी बाएं पैर की हड्डी टूट गयी. उस वक़्त तो थोड़े इलाज के बाद सब ठीक हो गया. 6 महीने बाद राधिका को एक और फ्रैक्चर हुआ और उसे असहनीय दर्द होने लगा. वह छोटी सी बच्ची अपने पैर भी नही उठा पा रही थी. उसकी मांसपेशियां फटी हुई हड्डी के में से बढ़ रही थीं. 7 सर्जरीज़ हुई, फिर भी परेशानी बढ़ती जा रही थी. घर वालों को समझ ही नहीं आ रहा था कि परेशानी क्या है. कुछ समय बाद जब राधिका की हड्डियां फिर टूटी, तब यह समझ आया की उस बच्ची को ब्रिटल बोन डिज़ीज़ हो गयी है. उसकी हड्डियां इतनी कमज़ोर हो चुकी थी कि बिना गिरे या चले भी टूट जाती.

Radhika A J

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घर पर रहना मजबूरी हो गयी थी, माँ, पापा और भाई, परेशान थे, लेकिन अपने कामों में व्यस्त होने के अलावा कोई और चारा नहीं बचा था. घर पर राधिका अकेली रहने लगी. बिना किसी से बात किये, बिना अपना दर्द और दुःख किसी को बताए, बस बिस्तर पर लेटी रहती थी. वह अकेली थी, लेकिन उसने कभी भी हार मानाने के बारे में नहीं सोचा. वह ग्रीटिंग कार्ड्स, वॉल आर्ट्स, और ऐसे बहुत से क्राफ्ट्स करने लगी. यूट्यूब पर वीडियोस देखकर, इन सब चीज़ों को बनाना शुरू कर दिया, और खुश रहने लगी. उसने अखबारों से पेन होल्डर, बास्केट, फोटो फ्रेम, बॉक्स और ऐसे बहुत सी चीज़ें बनाई.

Radhika AJ

Image Credits: Linktree

ऐसे ही एक दिन उसे यूट्यूब पर अफ्रीकी गुड़िया बनाने की वीडियो दिखी. वो दिन है और आज का दिन, राधिका ए जे ने फिर कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा. न्यूज़ पेपर से अफ्रीकी गुड़िया बनाने के लिए आज उसे पूरा भारत जनता है. वह गुड़िया बनती और, उसका भाई फोटोज़ को सोशल मीडिया पर अपलोड करता. देखते देखते लोग उसे बेहद पसंद करने लगे. राधिका आज 20 साल की है, और अपनी कला को लोगों के सामने लाकर अपना बिज़नेस तैयार कर चुकी है. वह बताती है- "मैंने इन्हें बेचने के बारे में कभी नहीं सोचा था." एक बार अपने ही घर पर उसने 1 डॉल किसी परिजन को दी, और फिर उसे 25 डॉल बनाने के आर्डर मिल गए. राधिका बताती है- "इन गुड़ियों और शिल्पों को बनाने से मुझे उस समय मदद मिली जब मैं बहुत अकेला महसूस करती थी मैंने दूसरी चीजों के बारे में नहीं सोचना बंद कर दिया था. इन्हें बनाते समय मुझे ऐसा लगता है कि मैंने अपने लिए एक दुनिया बना ली है.” वह पिछले तीन सालों में 200 से ज्यादा डॉल्स बेच चुकी जिनकी कीमत 150 रुपये से 700 रुपये के बीच होती है.

Radhika AJ African Dolls

Image Credits: Queenbee paper crafts and creative art

राधिका ए जे की कहानी एक इंस्पिरेशन है हर उस व्यक्ति के लिए जो अपनी छोटी सी तकलीफ से डरता है और हार मान लेता है. चाहती तो राधिका भी अपनी किस्मत पर रो सकती थी, हर दिन परेशान हो सकती थी, लेकिन उसमें अपनी परेशानियों से लड़ने की हिम्मत थी. रविवार विचार सलाम करता है, उसकी हिम्मत और हौसले को. अगर हर व्यक्ति राधिका जैसी सोच रखकर आगे बढ़े तो दुनिया के रंग ही बदल जाएंगे.

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