माइक्रो फाइनेंस मॉडल के ज़रिये समाज के सबसे निचले तबके तक आसान लोन पहुंच पा रहा है. माइक्रोफाइनेंस उन छोटी फर्मों और उद्यमियों के लिए वित्तीय सेवाओं की नींव बन रहा है, जिनकी बैंकिंग और संबंधित सेवाओं तक पहुंच नहीं है. भारत में 268 एमएफआई (माइक्रो फाइनेंस इंस्टीट्यूशंस) रजिस्टर हैं. ऐसी ही एक माइक्रोफाइनेंस संस्था मुंबई में है जिसका नाम स्वतंत्र माइक्रोफिन है. ये भारतीय रिजर्व बैंक से गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी - माइक्रोफाइनेंस इंस्टीट्यूशन (NBFC-MFI) लाइसेंस प्राप्त करने वाली पहली माइक्रोफाइनेंस संस्था है.
स्वतंत्र माइक्रोफिन की स्थापना 2012 में अनन्या बिड़ला ने की थी. वे एसोचैम माइक्रोफाइनेंस काउंसिल ऑफ इंडिया की सह-अध्यक्ष और भारतीय उद्योगपति कुमार मंगलम बिड़ला की बेटी है. भारत में आय के अंतर को दूर करने और ग्रामीण महिलाओं की आर्थिक आज़ादी के लक्ष्य को पूरा करने के लिए स्वतंत्र माइक्रोफिन की शुरुआत की. 2014 में,इस संस्था ने स्टार्ट-अप केटेगरी में स्कोच फाइनेंशियल इनक्लूजन एंड डीपनिंग अवॉर्ड जीता. 2017 में, स्वतंत्र ने 'साथी' नाम से एक एंड-टू-एंड कैशलेस सोल्यूशन लॉन्च किया. स्वतंत्र बायोमेट्रिक पहचान का उपयोग कर क्रेडिट स्कोर जानता है. कंपनी ने एक मेडिक्लेम उत्पाद भी बनाया.
स्वतंत्र के पास 100% कैशलेस संवितरण है और इसका लेंडिंग रेट भारत में सभी एमएफआई में सबसे कम है. स्वतंत्र माइक्रोफिन के पास 570 करोड़ रुपये की संपत्ति है. स्वतंत्र की माइक्रोक्रेडिट पॉलिसी समूह उधार मॉडल पर आधारित है. स्वतंत्र माइक्रोफिन 19.25-20.00% ब्याज दर पर आजीविका से संबंधित लोन देता है, जो भारत में सबसे कम ब्याज दर है. यह नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (एनईएफटी) के माध्यम से धन का वितरण करता है और फाइनेंशियल इन्क्लूशन के अपने मुख्य मिशनों में से एक को पूरा करने के लिए अपने ग्राहकों को बैंक खाते खोलने में भी मदद करता है.
एक दशक पूरा कर चुके स्वतंत्र माइक्रोफिन ने अभी तक 1 करोड़ से ज़्यादा लोगों की मदद की है. यह वर्तमान में अपनी 720+ शाखाओं के ज़रिये देश के 19 राज्यों में फैले 229 से अधिक जिलों में काम कर रहा है और 6000 से अधिक ग्रामीण युवाओं को रोजगार दिया है. सरकार के साथ-साथ ऐसी संस्थाएं भी अगर फाइनेंशियल इन्क्लूशन के लिए काम करेंगी तो महिलाओं, विक्रेताओं और छोटे उद्यमियों की आर्थिक आज़ादी का सपना पूरा हो सकेगा. कम दर पर, आसानी से मिलने वाला लोन अपने पैरों पर खड़ा होने और गरीबी के चंगुल से उभरने में मदद करता है.