MBA करते हुए अपने सपने को जिन्दा रखा था नवनूर ने. 27 साल की नवनूर कौर जब पास्ट को देखती होगी तो उसे हर डॉट कनेक्ट होता दिखता होगा. जब उसका पूरा परिवार रिफाइंड चीनी छोड़कर गुड़ खाने लगा था, तब से ही उसके दिमाग में बैठ गए होंगे गुड़ के फायदे. लेकिन कहते है न कोई भी बदलाव लाना आसान नहीं होता. नवनूर का मिशन भी आसान नहीं था, लेकिन हार न मानने के जज़्बे की वजह से आज नवनूर इस मुकाम पर है कि अपना ब्रांड लॉन्च कर चुकी है.
बचपन से ही जिस परिवार में बड़ी हुई, गुड़ के इतने फायदे देखें. उसे समझ आया कि सेहत के लिए एक बेहतरीन औषधि है गुड़. बस उसी वक़्त नवनूर ने ठान लिया कि वो इस औषधि को, जो भारत के हर घर में पाई जाती है, एक नया मुकाम देगी. नवनूर जानती थी कि भारत में गुड़ का बाजार लगभग 50 वर्षों से एक जैसा है. गुड़ खुले में बेचा जाता है और इस क्षेत्र में कोई ब्रांड या बदलाव नहीं आया है. वह बताती है- "मैंने अक्सर देखा है कि जब हम दूध में गुड़ मिलाते है तो वो फट जाता है. व्यक्ति अगर चीनी से गुड़ पर स्विच करना भी चाहे तो गुड़ की गरम तासीर और स्वाद के कारण झिझकता है. इसीलिए मैं एक ऐसा ब्रांड बनाना चाहती थी जो इस परेशानी को तो ख़त्म करे, साथ ही पंजाब के किसानों के लिए भी आय का एक स्त्रोत तैयार करे."
2019 में उन्होंने अपना रिसर्च का काम शुरू किया और 2021 में 'जैगरकेन' को लॉन्च कर दिया. अपने बिज़नेस को एक जगह देने के लिए नावनूर कौशल सिंह से मिली जो कि जो एग्रीकल्चर में एमबीए हैं, उनके पास खुद का स्थापित निर्माण स्थान था जिसे वह 2016 से चला रहे थे. कौशल सिंह भी गुड़ को लेकर कोई ब्रांड शुरू करना चाहते थे, लेकिन काम मांग होने के कारण उन्होंने यह आईडिया ड्रॉप कर दिया था. नवनूर की बात सुनकर वे बेहद खुश हो गए और साथ मिलकर इस ब्रांड को आगे बढ़ाने का फैसला किया.
प्रोडक्ट्स तो बनाना शुरू कर दिए थे, लेकिन अभी भी एक कंसर्न बाकि था, वो था गुड़ का बहुत जल्द ख़राब हो जाना. इस परेशानी से निजात पाने के लिए उन्हें पंजाब कृषि विश्वविद्यालय से मदद मिली. गुड़ के pH लेवल को मेन्टेन कर आज नवनूर इस ब्रांड को देश दुनिया तक पंहुचा रही है. आज जैगरकेन हर महीने 1,000 किलो गुड़ के प्रोडक्ट्स बेच रहा है. यूनाइटेड अरब एमिरेट्स,कैनेडा, सिंगापुर और ऑस्ट्रेलिया जैसी जगहों पर भी 1,90,000 किलोग्राम एक्सपोर्ट किया गया है.
अपनी इस कंपनी में नवनूर कौर ने गांव की महिला सदस्यों को नौकरी भी दी है. वे पैकजिंग और बहुत से काम करती है इस ब्रांड के लिए. नवनूर पंजाब के Self Help Group की महिलाओं के साथ जुड़कर अपने इस ब्रांड ग्रामीण और ज़मीनी स्तर पर आगे बढ़ा सकती है. स्वयं सहायता समूह की महिलाएं पारम्परिक उत्पादों को आगे बढ़ाने का हर संभव प्रयास करती है. अगर वे इस तरह के और भी ब्रांड्स से जुड़ जाए, तो उन्हें आगे बढ़ाने और महिला सशक्तिकरण की सरकार की पहल दोनों हासिल की जा सकती है.