महिलाओं की बिरयानी वाली कहानी

मुरादाबाद की रंजीत कौर 20 महिलाओं का घर चलाने के लिए उन्हें आजीविका दे रही है. उन्होंने अपना एक समूह बनाया जिसमें सभी ने मिलकर वेज बिरयानी का ठेला खोला है.

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रिसिका जोशी
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SHG Women biryani

Image Credits: Daily Motion (Image for Representation Purposes Only)

जब बात आती है घर खर्च चलने की, तो एक महिला से बेहतर इस काम को कोई नहीं कर सकता. खाने पीने से लेकर जीवनयापन तक, काम कोई भी हो, महिलाएं हर चीज़ को बखूबी संभल रहीं है. वे नौकरी भी करती है, और घर भी देखती है. ऐसी ही एक महिला, जो कि अपनी जैसी कई महिलाओं को रोज़गार दे रही है. मुरादाबाद की रंजीत कौर 20 महिलाओं का घर चलाने के लिए उन्हें आजीविका दे रही है. उन्होंने अपना एक समूह बनाया जिसमें सभी ने मिलकर वेज बिरयानी का ठेला खोला है. महिलाएं घर में वेज बिरयानी तैयार कर ठेले पर भिजवाती हैं और अपने घर का खर्चा चला रही है. 

रंजीत कौर ने बताया- "मेरा मन था कि मैं एक साथ 10 महिलाओं को रोजगार दू जो खाना घर पर बनाती है इसीलिए मैने महिलाओं का स्वयं सहायता समूह (SHG) बनाया और उनके घर पर खाना तैयार कराया जिसमें वेज बिरयानी सहित कई उत्पाद शामिल थे. उन्हें बेरोजगार लोगों द्वारा ठेला लगाकर बेचा गया." आज self help group से यह महिलाएं आत्मनिर्भर और स्वावलम्बी बन चुकी है. यह कहानी एक प्रेरणा है हर उस महिला के लिए जो कुछ करना चाहती है और जीवन को अपने हिसाब से जीना चाहती है. जब महिलाएं आत्मनिर्भर बनेंगी, तब ही देश प्रगति करेगा.

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