वो जब अपने किक मूव्स, हैंड मूव्स और स्टंट्स करती है, तो उसके तरीके को देखकर लोगों की आंखें खुली की खुली रह जाती है. निंजा जैसी स्टाइल, रेडी टू फाइट बॉडी, और बेहद परफेक्शन, ये सब एक ही इंसान में मिलना मुश्किल है. लेकिन कहते है ना, एक लड़की के लिए कुछ भी मुश्किल नहीं होता! टाईक्वोनडो की मास्टर, ब्लैक बेल्ट, और 13 विश्व चैंपियनशिप्स का वर्ल्ड रिकॉर्ड, और हर उस इंसान के मुँह पर ताला जिसने लड़कियों को कम समझा, ये सब कर दिखाया है 20 साल की इस परफेक्शनिस्ट, रेना वलांडिंघम ने. हर सोच और अपने डर से लड़ते हुए, रेना वलांडिंघम मार्शल आर्ट्स में आज जिन उचाईयों पर है, वहां जाने के सपने देखते है लोग.
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टाईक्वोनडो जैसा मेल डोमिनेटेड एरिया, और लोगों की टिपिकल सोच, रेना ने इन सब को इस्तेमाल किया अपनी ताकत के रूप में. लोग उनसे कहते थे- "रेना तुम्हारी किक लड़कियों जैसी है." वह इस बात से कभी भी उदास नहीं हुई बल्कि हमेशा अपनी तारीफ समझा. वह सोचती कि लड़कियों की किक ज़्यादा परफेक्ट होती है क्यूंकि उनमें लड़कों के मुकाबले ज़्यादा फ्लेक्सिबिलिटी होती है. और आज जब वो किक करती है, तो मुँह से सिर्फ एक शब्द निकलता है, 'अमेज़िंग'.
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जब रेना सिर्फ दो साल की थी, तब से ही टाईक्वोनडो सीख रही है. लेकिन रेना हमेशा से इतनी बोल्ड और 'अप टू द मार्क' नहीं थी. बल्कि वो सबसे ज़्यादा शाय और डरने वाली बच्चीं थी. किसी से कुछ नहीं बोलती, बस सहमी सी और सबसे पीछे रहती. लेकिन कुछ सालों में ऐसा जादू हुआ इस छोटी सी बच्ची में, की अपने पुरे बैच में सबसे आगे हो गयी. अपनी पहली विश्व चम्पियनशिप रेना ने 9 साल की उम्र में ही जीत ली थी.
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आज रेना सोशल मीडिया, फिल्म इंडस्ट्री, म्यूज़िक वीडियो, पॉडकास्टिंग और कोरियोग्राफी में भी नाम कमा रही है. एक भारतीय अमेरिकन होने के नाते रेना हमेशा से चाहती थी कि वह अपने समुदाय के लिए इंस्पिरेशन बने और यह साबित कर दे कि 'सिर्फ ठानने की देर होती है, उसके बाद मंज़िल पाना अपने आप आसान हो जाता है.' अपने परिवार का पूरा सपोर्ट और प्यार था इसीलिए आज इस पोज़िशन पर है, रेना.
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रेना का सपना है कि वे भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में लीड एक्ट्रेस के तौर पर एक फिल्म करें. वही बताती है कि जिस दिन सोशल मीडिया पर ब्रूसली के ऑफिशल अकाउंट ने उन्हें फॉलो किया तब रेना को समझ आया कि उनकी उपलब्धियां कितनी उच्चाइयों तक पहुंच चुकी है. रेना का सपना है कि पूरी दुनिया उन्हें 'फीमेल ब्रुसली' के नाम से जाने.
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रेना वलांडिंघम जैसी खिलाड़ी दुनिया में बहुत कम है. कुछ ही लेजेंड्स होंगे जो इतनी उच्चाइयों तक पहुंचते होंगे. उन्होंने अपने जीवन में जो भी अचीव किया, वो सब पंचूऐलिटी, पर्सीवरेन्स, और डिटर्मिनाशन का नतीजा है. रेना ने बचपन से लेकर इस उम्र तक हर वो बात सुनी है, जो लड़कियों को अक्सर कही जाती है. वे ये नहीं कर सकती, वो नहीं कर सकती, यहाँ नहीं जा सकती, ये नहीं पा सकती, लेकिन रेना जानती थी कि वह एक बोर्न फाइटर है और यह बात उन्होंने पूरी दुनिया में साबित कर दी.