महिलाएं हर वक़्त यह उम्मीद और कोशिश करतीं रहती है कि उनका परिवार हमेशा खुशहाल और समृद्ध रहे. हर प्रयास करतीं है महिलाएं, इस उम्मीद को बरकरार रखने का. हर मुसीबत को अपने ऊपर लेकर उसे ख़त्म करना जानती है वे. मिथिलेश, पटना के समस्तीपुर जिला मुख्यालय से करीब 70 किलोमीटर दूर बिठान की महिलाओं के परिवारों का सुख चैन कुछ असामाजिक तत्वों ने छीनने की कोशिश की. गांव में शराब की दुकानें होने के कारण परिवारों में हद से ज़्यादा परेशानियां होने लगी थी. लेकिन आज हाल यह है कि इन सब करोबाइयों के लिए यह महिलाएं आतंक बन चुकीं है. शराब माफियों के खिलाफ जंग छेड़ी है रिंकू देवी ने.
आज भले ही इन महिलाओं के नाम से भाग जाते हो ये कारोबारी, लेकिन शुरुआत में इन्होनें महिलाओं का जीना मुश्किल कर दिया था. उन पर हमला करना, उन्हें कमज़ोर समझना, धमकियाँ देना, यह सब आम बात हो गयी थी. लेकिन वो कहते है ना, 'जब महिला ठान ले, तो उसका मनोबल तोड़ पाना किसी के बस की बात नहीं है.' बस उसी मनोबल के साथ रिंकू देवी और उसकी साथी महिलाएं मैदान में उतरी और आज शराब के खिलाफ उनकी यह लड़ाई सामाजिक परिवर्तन का प्रतीक बन चुकी है. आज हाल यह है कि 'JEEVIKA' दीदियों को आता देख शराबी और शराब कारोबारी वहां से भाग खड़े होते है.
रिंकू बताती है- "जब मैंने शराब बेचते धंधेबाजों को पकडऩा शुरू किया तो उन्होंने साजिश रचकर मेरे साथ मारपीट की जिसके कारण उनकी याददाश्त भी कमजोर हो गई. लेकिन आज तक मैंने शराब माफिया के खिलाफ अपनी लड़ाई को कभी कमजोर नहीं होने दिया. रिंकू देवी स्वयं सहायता समूह (SHG) से जुड़ी हैं." JEEVIKA के CEO राहुल कुमार ने कहा- "रिंकू देवी शराबबंदी के खिलाफ अभियान चलाने वाली महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत हैं. वे self help groups की महिलाओं को शराब के खिलाफ अभियान से जुड़ने कि प्रेरणा और प्रोत्साहन देतीं है. उनके हौसले को देखकर उन्हें कई मंचों पर सम्मानित भी किया जा चुका है. नशा मुक्ति दिवस 2019 के अवसर पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा पटना में उन्हें सम्मानित किया गया.
रिंकू देवी के नाम से आज उनके गांव के शराबी कांपते है, लेकिन जब उन्होंने इस मुकाम को हासिल करने ले लिए कितनी मुसीबतें झेली यह सिर्फ वही जानती है. महिलाओं के लिए प्रेरणा बन चुकीं रिंकू देवी से ना जाने कितने परिवारों की ज़िंदगियाँ बचा रहीं है. यह काम भले ही आसान ना हो लेकिन अगर ठान लिया जाए, तो कोई भी मुश्किल छोटी लगने लगती है.