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आपने स्वसहायता समूह और दीदियों के काम सुने होंगे. लेकिन बुरहानपुर में "भाभी सप्ताह अभियान" प्रदेश में सुर्ख़ियों में है. लाड़ली बहना योजना को कारगर बनाने के लिए अलग -अलग प्रयोग किए जा रहे. जिले में सबसे अलग लाड़ली बहना की कमान स्वसहायता समूह की दीदियों ने संभाल ली.ये दीदियां ग्राम संगठन में पदाधिकारी हैं. अपने काम के अलावा ये दीदियां अपने ही गांव की दूसरी बहनों को आर्थिक मजबूती और सम्मान दिलवाने के खातिर मैदानों में उतर गई. जिला प्रशासन ने बाकायदा इस काम के लिए समूह की महिलाओं को ट्रेनिंग दी गई.इस अभियान का नाम "भाभी भी बनेगी सशक्त सप्ताह" रखा गया.
प्रदेश में सबसे अलग इस नवाचार को लेकर आजीविका मिशन की जिला परियोजना प्रबंधक संतमती खलखो कहती हैं -" अधिक से अधिक पात्र महिलाओं को लाड़ली बहना योजना का लाभ मिले, इसके लिए स्वसहायता समूह से जुड़ी महिलाओं को मदद के लिए आगे लाया गया. कलेक्टर भव्या मित्तल खुद ने ट्रेनिंग देकर इन दीदियों को प्रोत्साहित किया. इस अभियान में 158 ग्राम संगठन की साढ़े पांच सौ से अधिक दीदियां पदाधिकारी इसमें सहयोग
आगे आकर रहीं हैं."
Image Credits: Ravivar Vichar
जिले में अपना सहयोग दे रहीं खखनार खुर्द की सुनिता मार्को ने बताया -" मुझे ख़ुशी है कि गांव के समूह के कामों से अलग हमारे गांव की ही अन्य भाभियों और दूसरी बहनों को हम इस योजना का रजिस्ट्रेशन करवाने में मदद कर रहे. " जैनाबाद की खुशबू तिवारी कहती हैं -" समूह की दीदियां जिस तरह अपने पैरों पर खड़ी होकर आत्मनिर्भर बनी,उसी तरह गांव की योग्य महिलाओं को लाड़ली योजना का लाभ दिलाएंगे. " ट्रेनिंग के बाद समूह की महिलाएं अपने -अपने इलाकों में घर-घर संपर्क में जुट गईं. डीपीएम खलखो आगे बताती है -" इस अभियान में समूह की दीदियां लगभग तीस हजार महिलाओं तक पहुंच कर मदद करेगी."
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इस अभियान को लेकर जिला एक बार फिर सुर्ख़ियों में है. लाड़ली बहना योजना में स्वसहायता समूह की भूमिका को लेकर कलेक्टर भव्या मित्तल कहती हैं -" जिले में कई महिलाएं घर से नहीं निकल पाती. कई निरक्षर हैं. हमारा प्रयास है कि पात्र हर महिला को लाड़ली बहना योजना का लाभ मिले. जिससे उसकी जरूरतों के लिए उन्हें हाथ किसी के सामने हाथ न फैलाना पड़े. गांव में महिलाओं को सम्मान से भाभी कह कह पुकारते हैं. यही वजह इस अभियान को "भाभी बनेगी सशक्त सप्ताह" नाम दिया. इसमें स्वसहायता समूह के सदस्य महिलाओं का रजिस्ट्रेशन में मदद कर रहीं हैं. "
जिला स्वसहायता समूह के अलग-अलग कामों को लेकर भी अपनी जगह बना चुका है.