फैशन (fashion) की दुनिया में आज सिर्फ नई डिज़ाइन (design) की ही नहीं, ऐसे मटेरियल (material) की भी खोज है जो सस्ता (cheap), पर्यावरण (environment) के अनुकूल, और टिकाऊ (sustainable) हो. इस खोज को मायु फैशन ब्रांड (Mayu Fashion Brand) ने पूरा किया है. मायु एक ऐसी फैशन ब्रांड है जो मछली की त्वचा (fish skin) से पर्यावरण के अनुकूल लेदर (leather) से हैंडबैग (handbag) और दूसरी एक्सेसरीज (accessories) बनाता है. पेरिस (Paris) और हंगरी (Hungary) में उनके प्रोडक्ट्स को बड़े फैशन शो (fashion show) में जगह मिल चुकी है. मयूरा दावड़ा शाह (Mayura Davda shah) ने इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ मायु की शुरुआत की.
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छुट्टी के दौरान, आइसलैंड (Iceland) के बाज़ार में घूमते वक़्त उनकी नज़र फिश लेदर (fish leather) से बनी खूबसूरत चीज़ों पर पड़ी. बस, यही से सोलापुर (Solapur) की रहने वाली मयूरा को खुदका लेबल शुरू करने का आइडिया मिला. नॉर्डिक क्षेत्र में, खुदको गर्म रखने के लिए मछली के चमड़े से बने जूते का इस्तेमाल करीब 5 हज़ार सालों से किया जा रहा है. मयूरा ने भी मछली उद्योग से निकलने वाले इस 'कचरे' का इस्तेमाल अपनी ब्रांड शुरू करने में किया. फिश लेदर के इस्तेमाल से बने प्रोडक्ट्स को उन्होंने इंडिया लाने का सोचा.
ब्रांड मायु न केवल अपने प्रोडक्ट बनाने में बल्कि काम के संचालन में भी सस्टेनेबिलिटी का ध्यान रखता है. मायु की टीम चेन्नई (Chennai) में जीरो वेस्ट फैसिलिटी (Zero Waste Facility) में काम करती है. भारतीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से 'सफेद' श्रेणी प्रमाणित कारखाने में प्रोडक्शन होता है. इसका मतलब यह है कि प्रोडक्शन या संचालन में किसी भी तरह से हवा, पानी या पर्यावरण को प्रदूषित नहीं किया जाता.
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मायु ब्रांड महिलाओं को ट्रेनिंग देकर उन्हें एक्सपोर्ट क्वालिटी के प्रोडक्ट बनाना सिखाती है. इससे कई महिलाओं को रोज़गार मिला है. उन्हें नई डिज़ाइन बनाने, कम वेस्ट जनरेट करने, और मुनाफा बढ़ाने की तकनीक सिखाई जाती है. मायु 10 % प्रति वर्ष की रफ़्तार से ग्रो कर रहा है. आगे चलकर मायु वीगन बैग और पर्स बनाने का प्लान कर रहा है. ये ब्रांड क्लासी डिसाइन और एनवायरनमेंट फ्रेंडली होने के साथ महिलाओं को रोज़गार देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनने में भी मदद करती है.