ढाई हज़ार बेटियों का 'पुलिस दीदी' परिवार

आप यकीन न करेंगे लेकिन शहर के एक इलाके में ही ढाई हज़ार बेटियों का एक खास परिवार बन गया.और यह सिलसिला जारी है.इस परिवार की अपनी खूबियां है. यह परिवार 'पुलिस दीदी' का परिवार है.इस परिवार के गठन से पुलिस की एक खास छवि उभर के सामने आई.

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ट्रेनिंग सेंटर पर आत्मरक्षा के गुर सीखतीं बच्चियां (Image: Ravivar Vichar)

देश की सबसे Cleanest City Indore में पुलिस की सकारत्मक पहल इन दिनों ख़ास चर्चा में है. पुलिस की चुनौतीपूर्ण छवि के बीच यह नवाचार प्रदेश में सराहा जा रहा. शहर के लसूड़िया थाना अंतर्गत Srijan Abhiyan प्रोजेक्ट में उन बेटियों को जोड़ा गया जो अपनी बात किसी को शेयर नहीं कर पा रही थी.इन लड़कियों की हर समस्या का हल बन रही इंदौर की पुलिस दीदी.... 

सुरक्षा कवच साबित हो रहा 'सृजन' अभियान 

इंदौर पुलिस का सृजन अभियान बालिग होती लड़कियों के लिए सुरक्षा कवच साबित हो रहा.इस अभियान की शुरुआत शहर के लसूड़िया थाना अंतर्गत कुशवाह नगर से की.इसमें 12 से 18 साल की लड़कियों को सर्वे के बाद जोड़ा गया. 

इस अभियान से जुड़ी Ekta (परिवर्तित नाम) कहती है-"मेरा मन पढ़ाई में नहीं  लग रहा था.रोज़ मम्मी-पापा के बीच झगड़ा होता.अपने ग्रुप से जुड़ी पुलिस दीदी को बात बताई.मेरे मम्मी-पापा को उन्होंने समझाया.अब नियमित पढ़ाई कर रही हूं."

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सुखद तस्वीर: कॉलोनी में परिवार सदस्यों के साथ सर्वे के दौरान पुलिस दीदी (Image: Ravivar Vichar)

इस अभियान में पुलिस दीदी समूह की समंवयक रहीं Seema Chandvada कहती हैं-"मैंने कई बच्चियों और उनके अभिभावकों की काउंसलिंग की.एक परिवार में चार बहनें थी.बेटा न होने की वजह से घर में मारपीट और झगड़ा होता.बेटियों ने यह बात बताई.काउंसलिंग के बाद बच्चियां स्कूल जा रहीं."

16 Group को कोर्डिनेट कर रही पुलिस 

Srijan Abhiyan के तहत यह शुरुआत की.इस अभियान में लड़कियों की सुविधा के लिए 16 ग्रुप बनाए गए.इसमें लगभग ढाई हज़ार लड़कियां शामिल की गईं. साथ ही दूसरे विभागों का भी सहयोग लिया गया.
महिला थाना की TI Kaushalya Chauhan और SI Rupali Singh Bhadauria ने बताया-"इस पहल से हमें काफी मदद मिली.हम इलाके के कई परिवारों से सीधे जुड़ गए.उनकी बच्चियों की परेशानी को समझने और उसके निराकरण में सहभागी बने."

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Add.DCP Priyanka Dudve

       लसूड़िया थाने से जुड़ी महिला डेस्क और ऊर्जा डेस्क के प्रभारी भी इन ग्रुप से सीधे संपर्क में है.


इंदौर की Add.DCP और Srijan Abhiyan की Nodal Officer Priyanka Dudve बताती हैं-"हमने women and child welfare department की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता,समाजसेवी संस्थाओं को भी इस सर्वे अभियान में जोड़ा.इसका मकसद ज्यादा से ज्यादा बच्चियों से जुड़ सकें.फायदा यह रहा कि जो बच्चियां अपने परिवार में भी परेशानी नहीं बता पाती,वे हम तक पहुंचीं.स्कूल समस्या, छेड़छाड़ सहित और परेशानियों को दूर किया.इन लड़कियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए police training center में experts से कराते भी सिखाया."           
                 

अपराधों को रोकने में समूह निभा रहे अहम भूमिका

इस अभियान को इंदौर के Commissioner IPS Rakesh Kumar Gupta लीड कर रहे.इसके अलावा इस अभियान में कई अधिकारी भी जोड़े गए.शहर में बढ़ते अपराध को कम करने के लिए यह अभियान और कारगर साबित हुआ.इस Whatsapp Group के माध्यम से शहर की ढाई हज़ार नाबालिग बच्चियां सीधे पुलिस से जुड़ गईं.लड़कियां इसे सुख दुःख का परिवार कह रहीं.जहां वह हर बात पुलिस दीदी के जरिए बड़े अधिकारियों तक संपर्क में आ गईं.पुलिस भी इनकी सुरक्षा का ध्यान रख रही. 

IPS RAKESH GUPTA.

Rakesh Kumar Gupta, IPS Commissioner Of Police, Indore  

"इंदौर पुलिस का यह सफल प्रयोग रहा. हम ऐसे कई अपराधों को रोकने में सफल रहे,जो बच्चियों के साथ हो सकते थे. बच्चियां घर से परेशान होने पर बाहरी सहानुभूति का शिकार हो जाती हैं.गलत तरीके से बहकावे में आकर कर घर छोड़कर चली जातीं.और कई परिवारों में आपसी कलह से बच्चियों की पढ़ाई प्रभावित हो रही थी.में आकर कर घर छोड़कर चली जातीं.और कई परिवारों में आपसी कलह से बच्चियों की पढ़ाई प्रभावित हो रही थी.ऐसे प्रकरणों में बच्चियां सीधे बेझिझक पुलिस दीदी को बता रहीं. हमारी टीम ने गंभीरता से लेती है.काउंसलिंग के जरिये इन बच्चियों की समस्याओं को दूर किया.यह अभियान पूरे शहर में चलाया जाएगा."

Rakesh Kumar Gupta, IPS Commissioner Of Police, Indore            

Cleanest City Indore Commissioner Of Police