देश भर की महिलाएं अपने जीवन को खुशहाल बनाने के लिए स्वरोजगार तैयार कर रहीं हैं. सरकार भी इस कार्य में उनकी मदद करने के लिए आए दिन नयी योजनाएं और पहल शुरू करती हैं. महिलाएं स्वयं सहायता समूह (SHG) से जुड़कर बदलाव ला रहीं हैं और सशक्त बन रहीं हैं. ऐसी ही, बेगुसराए बिहार की एक महिला मुन्नी कुमारी, ने self help group से जुड़कर अपनी ज़िन्दगी बदल ली. SHG से जुड़ने के बाद से ही वह हर दिन 10 रुपये बचाकर आत्मनिर्भर बन गयी. उन्होंने अपने व्यवसाय की शुरुआत 'JEEVIKA' की 'Sustainable Livelihood Planning' से की और अपना एक छोटा सा किराना स्टोर खोला. कुछ समय बाद उन्होंने अगरबत्ती बनाने का काम शुरू कर दिया. बेगुसराए में आज मुन्नी कुमारी की पहचान 'अगरबत्ती निर्मात्री' के रूप में हो रही है.
मुन्नी कुमारी ने बताया- "साल 2018 में 'JEEVIKA' की Community Resource Person (CRP) दीदी ने मुझसे मुलाकात की और JEEVIKA से जुड़कर रोजाना 10 रूपए जमा करने के फायदे से अवगत कराया. इसके बाद साल 2021 में मुझे Sustainable Livelihood Planning के जरिए 35 हजार की सहायता राशि प्राप्त हुई, जिससे मैंने एक किराना दूकान खोली. मैंने 2022 के दिसंबर में JEEVIKA से 10 दिनों का अगरबत्ती निर्माण का प्रशिक्षण लिया. मैंने गांव की स्थानीय पांच महिलाओं को अगरबत्ती निर्माण में रोजगार दिया है जो रोझाना लगभग 150 रुपये तक बचा लेतीं है."
मुन्नी कुमारी की यह कहानी देश की हर महिला को प्रेरित करेगी. अपने जीवन को बदलना हमारे हाथ में ही होता है और मौके भी सामने होते है. सिर्फ देर होती है उन्हें पहचानने की. मुन्नी कुमारी ने उस मौके को पहचाना और आज अपने साथ जुड़ी हर महिला का जीवन बदल रहीं हैं.