आज देशभर में 8.9 करोड़ से ज़्यादा महिलाएं स्वयं सहायता समूहों (Self Help Groups-SHG) से जुड़कर आर्थिक क्रांति (financial revolution) की अगुवाई कर रही हैं. ये महिलाएं कई क्षेत्रों में रोज़गार (employment) शुरू कर देश की अर्थव्यवस्था (economy) को बढ़ाने में मदद कर रही हैं. इनकी सफलता और विकास में योगदान को देखते हुए राज्य और केंद्र सरकार इन्हें अलग-अलग तरह से बढ़ावा दे रही हैं. हर तबके की महिलाओं के सशक्तिकरण (women empowerment) के लक्ष्य को पूरा करने के लिए ज़्यादा से ज़्यादा महिलाओं को समूहों से जोड़ा जा रहा है. प्रधानमंत्री कार्यालय ने देश के 10 करोड़ ग्रामीण वंचित परिवार की महिलाओं को स्वयं सहायता समूह में शामिल करने का लक्ष्य तय किया है.
ग्रामीण विकास मंत्रालय ने सभी राज्यों को स्वयं सहायता समूह गठन से सेचुरेशन प्राप्त करने के लिए सोशल मोबेलाइजेशन कैंपेन आयोजन करने के निर्देश दिए. ये कैंपेन सभी राज्यों में 18 अप्रैल से 30 जून तक चलाया जायेगा. जिले को निर्धारित समय में समूह गठन से सेचुरेट करना है. इसके लिए सघन तौर पर सीआरपी ड्राइव का आयोजन कर स्वयं सहायता समूह में वंचित परिवारों का समावेशन किया जाएगा. इस काम में सहयोग के लिए बड़वानी की सक्रिय समूह दीदियां भी सीआरपी ड्राइव में शामिल होगी.
पहले से SHG से जुड़ी दीदियां अपने समूहों में समुदाय की और भी महिलाओं को जोड़ेंगी. समूह से इन महिलाओं को लोन लेने, बचत करने, और अपना रोज़गार शुरू करने में मदद मिलेगी. देशभर में SHG, महिलाओं को आर्थिक आज़ादी हासिल करने में मदद कर रहे हैं, जिससे पारिवारिक, सामाजिक, और राजीतिक बदलाव भी देखने को मिल रहा है.