जवा जनपद (Java Janpad) के स्वयं सहायता समूह (Self Help Group) की महिलाओं को इतना प्रोत्साहन मिला कि उन्होंने घरेलु महिला की पहचान छोड़ कैफे शुरू कर दिया. समूह से जुड़ी महिला अंजू गुप्ता बताती हैं -"आजीविका मिशन (Ajeevika Mission) के अधिकारियों ने हमें कैफे का सुझाव दिया. हमें शॉप और जगह भी मिल गई. मैं इस कैफे का पूरा हिसाब रखूंगी. हमें ख़ुशी है कि शुरुआत से ही ग्राहकों ने हमारे किए तैयार आइटम पसंद किए."
रीवा (Rewa) जिले में महिलाएं सिर्फ अब सिलाई-कड़ाई तक सिमित नहीं रही. जिले के ही जवा जनपद में महिलाओं ने कैफे शुरू किया. लोगों ने इस कैफे को हाथों-हाथ लिया. अब इस दीदी कैफे में बघेली (Bagheli) अंदाज़ नज़र आ रहा. ग्राहकों को गर्म और हर तरह का स्वाद चखने को मिलने लगा. इस कैफे में 14 महिलाओं को सीधे रोजगार मिला. इनका आत्मविश्वास देखने लायक है. विधायक दिव्यराज सिंह (MLA Divyraj Singh)खुद कैफे पहुंचे. शुरुआत की और चाय का आनंद लिया.
कैफे किचन में फ़ूड मटेरियल तैयार करतीं समूह की दीदियां (फोटो क्रेडिट : रविवार विचार)
जवा में जिला प्रशासन ने इन महिलाओं को ट्रेनिंग (Training) दी. ब्लॉक प्रबंधक पंकज प्यासी बताते हैं -" यह समूह की बड़ी उपलब्धि है. शुरुवात में ही कैफे को अच्छा रिस्पॉन्स मिलने लगा. इस कैफे के लिए 8 आवेदन आए थे.सरस्वती स्वयं सहायता समूह को चुना गया." इस आजीविका दीदी कैफे (Ajeevika Didi Cafe) के लिए जनपद सीईओ (CEO) ने जगह उपलब्ध करवाई. जवा भवन में यह कैंटीन (Canteen) शुरू हुआ. इन सदस्यों को और अधिक आत्मनिर्भर बनाने के लिए क्षेत्र में हुए सामूहिक कन्यादान आयोजन में भी खाने का ऑर्डर दिया गया.
व्यवस्थापक अंजू गुप्ता ने बताया - "सरस्वती स्वयं सहायता समूह (SHG) की बहनें इस कैंटीन को संचालित करेंगी.अभी सबसे ज्यादा पसंद किया जाने वाला समोसा और दूसरे आइटम रखे हैं. जल्दी ही हमारे कैंटीन से टिफिन सुविधा शुरू करेंगे, जिससे हमें अधिक मुनाफा मिले. दूसरे लोगों को को भी काम मिलेगा. हमने इस कैंटीन को चलने की भोपाल टीम से ट्रेनिंग ली. मैं चाहती हूं कि इस कैफे से सभी सदस्यों को आर्थिक लाभ मिले." इस शुरुआत में हौसला बढ़ाने खुद विधायक दिव्यराज सिंह के अलावा सीईओ जनपद सुरेश मिश्रा, सहायक विकासखंड प्रबंधक किरण सिंह,जनपद सदस्य प्रबल पांडेय भी मौजूद रहे।
रीवा जिले में ही स्वयं सहायता समूह (Self Help Group) में कैफे संचालित करने का रुझान बढ़ा है. आजीविका मिशन (Ajeevika Mission) के जिला परियोजना प्रबंधक (DPM) अजय सिंह कहते है - "जिले जवा जनपद में इस कैंटीन की शुरुआत की गई. जिले अलग-अलग ब्लॉक में फ़िलहाल 8 कैफे शुरू करने का प्लान है. इसमें छह कैफे शुरू हो चुके हैं. जिन्हें समूह की महिलाएं चला रहीं हैं. यहां जवा के अलावा हनुमना,रायपुर और रीवा में चले जा रहे हैं. जिले सभी समूह से जुड़ीं महिलाओं का आत्मविश्वास बढ़ा है."
आजीविका मिशन ने पूरे प्रदेश में स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं को कैंटीन संचालन का काम मिले. यहां तक कि मुख्यमंत्री निवास भोपाल में भी दीदी कैफे कि शुरुआत की गई. इसके अलावा ग्वालियर,उज्जैन, खरगोन,बड़वानी जैसे कई जिलों में आजीविका दीदी कैफे संचालित किए जा रहे. इस पहल से कई स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं को रोजगार के साथ आर्थिक मजबूती मिली.