फॉसिल फ्यूल्स का इस्तेमाल जिस तरह से दुनिया में तेजी से बढ़ता रहा है, सरकार इसे नियंत्रण में लाने के लिए बहुत से कदम उठा रही है. समस्या इनके इस्तेमाल पर नियंत्रण ही नहीं, बल्कि, इनसे फैलने वाले प्रदुषण को खत्म करना भी है. भारत में प्रदुषण स्तर आए दिन बढ़ता जा रहा है, ऐसे में यह एक बड़ी परेशानी बन चुकी है. एक मात्र इलाज है, इ-विहिकल्स (e-Vehicles). यह गाड़ियां बैटरी से चलती है, और बिलकुल भी प्रदुषण नहीं फैलाती. सरकार इ-विहिकल्स को बढ़ावा देने का पूरा प्रयास कर रही है. देश में इनका इस्तेमाल भी बढ़ता जा रहा है.
इसी पहल को आगे बढ़ाते हुए, अरुणाचल प्रदेश सरकार ने फास्ट फूड और सब्जियों की बिक्री के लिए ई-वाहन चलाने का फैसला किया है.इन वाहनों को चलाने की ज़िम्मेदारी पंचायती राज विभाग के नोडल अधिकारी ओबांग मिंकी द्वारा नामसाई जिले के सबसे अच्छे प्रदर्शन वाले स्वयं सहायता समूहों (SHGs) को सौंपे गए. Self help group का चयन चोंगखाम, नामसाई के ASRLM BMMU के माध्यम से किया गया है. अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने अपने ट्विटर हैंडल से जिले को बधाई दी और कहा- "मुझे खुशी है कि पंचायती राज विभाग ने नमसाई जिले के चोंगखम में अरुणाचल राज्य आजीविका मिशन कार्यक्रम के माध्यम से सबसे अच्छे प्रदर्शन वाले Self help groups को फास्ट फूड और सब्जी वेंडिंग के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले ई-वाहन सौंपे हैं." SHG महिलाओं के लिए यह बहुत बड़ी पहल साबित होगी. महिलाएं इस कदम से स्वावलम्बी बनेंगी और अपनी ज़न्दगी को बेहतर करने की ओर बढ़ेंगी.