भारत में डिजिटल लेन-देन अब कोई मुश्किल बात नहीं रह गई है. छोटे से छोटा व्यपारी भी डिजिटल ट्रांसेक्शन (Digital transaction) करने में सक्षम है. ग्रामीण इलाकों में डिजिटल लेन-देन पहुंच चुका है. यह बैंकिंग कोरेस्पोंडेंट सखियों या बीसी सखियों की वजह से संभव हुआ है, जो फाइनेंस, कॉमर्स और व्यवसाय के क्षेत्रों में बदलाव की शुरुआत कर रहे हैं.
केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री श्री गिरिराज सिंह (Union Minister for Rural Development Giriraj Singh) और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (UP Chief Minister Yogi Adityanath) ने लखनऊ (Lucknow) में अमृत महोत्सव के तहत 50 हज़ार ग्राम पंचायतों में डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए 'समर्थ अभियान' (Samarth Campaign) की शुरुआत की. ग्रामीण विकास मंत्रालय 'समर्थ अभियान' को बढ़ावा दे रहा है. समर्थ अभियान ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए, महिलाओं पर ध्यान देता है. इस कॉन्क्लेव का आयोजन ग्रामीण विकास मंत्रालय की दीनदयाल अंत्योदय योजना - राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (Ministry of Rural Development's Deendayal Antyodaya Yojana - National Rural Livelihoods Mission (DAY-NRLM)) द्वारा किया गया था, और उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन का सहयोग भी रहा.
Image Credits: DAY-NRLM
DAY-NRLM का बीसी सखी (BC Sakhi) कार्यक्रम इस बात पर गौर करता है कि देश भर में SHG और ग्रामीण परिवारों को बैंकिंग सेवाओं जैसे पैसे निकालना या जमा करना, खाता खोलना, बीमा, बिजली बिल भुगतान आदि तक पहुंच मिल सके. इससे ग्रामीण जनों का समय और खर्च बच सकता है.
सम्मेलन का उद्घाटन केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया. कॉन्क्लेव का उद्घाटन करते हुए, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य में, बीसी सखियां न केवल महिला सशक्तिकरण का एक उदाहरण हैं, बल्कि सभी बैंकिंग लेनदेन को संभालने वाली हर गांव में बैंकों की स्वयं-मिनी शाखाओं के रूप में काम करती हैं. मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि सरकार ने पिछले 6 सालों में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में 54 लाख से ज़्यादा गरीबों को घर की सुविधा दिलाने में सफलता हासिल की है.
कॉन्क्लेव (Conclave) ने बीसी सखियों के साथ उनकी यात्रा, अनुभवों, सफलताओं, चुनौतियों और आगे के रास्ते पर बातचीत के लिए एक मंच तैयार किया. SHG लेन-देन को डिजिटल बनाने, उसकी रणनीतियों, मुद्दों और हितधारकों की भूमिका, उद्यमियों के रूप में बीसी सखियों की ट्रेनिंग, तकनीकी और दूसरी समस्याओं जैसे मुद्दों पर बात की गई.