केलिको प्रिंटिंग के नए रंग...

ग्रामीण रोजगार आजीविका मिशन के SHG और UMEED कार्यक्रम के तहत सांबा की केलिको प्रिंटिंग को संरक्षित किया जा रहा है.  कला को संरक्षित करने के लिए सांबा में पांच स्वयं सहायता समूह काम कर रहे हैं.

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मिस्बाह
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Calico printing

Image Credits: India Nation First

जम्मू और कश्मीर (Jammu & Kashmir) का साम्बा (Samba) भारत व पाकिस्तान की अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर बसा एक जिला है. ये अपनी खूबसूरत वादियों के अलावा केलिको प्रिंटिंग (Calico printing) के लिए भी काफी प्रसिद्द है. केलिको प्रिंटिंग साम्बा की लोकप्रिय ब्लॉक प्रिंटिंग तकनीक है. यह लकड़ी के ब्लॉक और सब्जी के रंग का इस्तेमाल कर हाथ से बुने हुए सूती कपड़े पर की जाती है. सांबा में स्वयं सहायता समूह ग्रामीण रोजगार आजीविका मिशन (NRLM) और उम्मीद (UMEED) कार्यक्रम के सहयोग से इस ऐतिहासिक कला को संरक्षित कर बढ़ावा दे रहे हैं.

सांबा की पारंपरिक 'कैलिको प्रिंटिंग' को पुनर्जीवित करने और विकसित करने के लिए सरकार ने विशेष कदम उठाए हैं. महाराजा रणजीत सिंह के शासनकाल से ही यह कला काफी प्रसिद्द रही है. ग्रामीण रोजगार आजीविका मिशन के स्वयं सहायता समूहों (SHG) और हस्तशिल्प विभाग के UMEED कार्यक्रम के तहत केलिको प्रिंटिंग को संरक्षित किया जा रहा है. 

सांबा को 'शीट्स का शहर' (city of sheets) भी कहा जाता है क्योंकि यह अपने कपड़ा उद्योग के लिए भी जाना जाता है. रंगों की सजावटी और कलात्मक अभिव्यक्ति राज्य की समृद्धि और चमक दर्शाती है. पारंपरिक कला तकनीक को संरक्षित करने के लिए सांबा में पांच स्वयं सहायता समूह काम कर रहे हैं. कला को पुनर्जीवित करने के लिए, स्वयं सहायता समूह की महिलाएं व लड़कियां अलग-अलग तरह की डिजाइनों से जूट बैग पर केलिको प्रिंटिंग करती हैं. इसकी वजह से जूट के थैले ज़्यादा सजावटी और आकर्षक बन गए हैं.

जे-के आरएलएम (JK RLM) की उम्मीद योजना का लक्ष्य वंचित महिलाओं के बीच गरीबी को कम करना है ताकि उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जा सके. इस प्रोग्राम के तहत स्वयं सहायता समूहों (Self Help Groups) की संख्या बढ़कर 70594 हो गई है और केंद्र शासित प्रदेश में SHG सक्रीय रूप से आर्थिक आज़ादी (Financial freedom) हासिल करने के लिए काम कम कर रहे हैं.

साम्बा के जिला विकास आयुक्त अभिषेक शर्मा ने, हाल ही में  केलिको प्रिंटिंग में इस्तेमाल होने वाले डिजाइनों को पुनर्जीवित करने के लिए 'क्रिएट ब्लॉक प्रिंट पैटर्न' नाम से एक प्रतियोगिता शुरू की. यह प्रतियोगिता वेब पोर्टल jk.mygov.in पर मिल जाएगी, जहां दिए गए लिंक पर क्लिक कर प्रतियोगिता में भाग लिया जा सकता है. डीसी ने कहा कि उन्हें कला से काफी लगाव है, इसलिए वह प्राचीन पारंपरिक कला को जिले में विकसित करना चाहते हैं.

इस प्रतियोगिता को आयोजित करने का मुख्य उद्देश्य यह है कि कैलिको प्रिंटिंग से जुड़े स्थानीय कारीगरों के बनाये उत्पादों की मांग बढ़ सके. इस प्रतियोगिता से मिली डिजाइनों का इस्तेमाल डायरेक्टरेट ऑफ़ हैंडीक्राफ्ट्स एंड हैंडलूम्स (Directorate of Handicrafts and Handlooms) लकड़ी के ब्लॉक बनाने के लिए करेगा. इस पहल से स्वयं सहायता समूहों और स्थानीय कारीगरों को मुनाफ़ा मिल सकेगा. 

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