स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के काम को आज देशभर में सराहा जा रहा है. प्रदेश में 39 हज़ार 258 ग्राम संगठन और 1 हज़ार 350 संकुल संगठन हैं. 4 लाख 33 हज़ार समूहों से जुड़कर 51 लाख 63 हज़ार महिलाएं आत्मनिर्भर बनीं और प्रदेश के विकास में कर रही है योगदान. सरकार भी इन महिलाओं का साथ दे रही है, उनकी ज़रूरतों को समझ उन्हें पूरा करने का प्रयास कर रह हैं. मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान स्वयं सहायता समूह की महिलाओं से सीएम हाउस में मिले.
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समूह की महिलाएं सरकारी नीतियों में भी समर्थन करती हैं और प्रशासन की योजनाओं को ज़मीनी स्तर पर लागू करवाती हैं. कोविड-19 में मास्क बनाने से लेकर हर घर तिरंगा अभियान में तिरंगे बनाने तक इन महिलाओं ने सरकार का साथ दिया है. घरेलु उत्पाद बनाने का काम भी ये महिलाएं कर रही हैं जिसके लिए कम ब्याज पर छोटा लोन और सहायता राशि भी दी जा रही है. मुख्यमंत्री शिवराज ने महिलाओं से बात कर उनकी चुनौतियों को समझा और उन्हें लगातार आगे बढ़ने की लिए प्रेरित किया.
महात्मा ज्योतिबा फुले के जन्मदिन पर उनके और सावित्रीबाई फुले के विचारों को साझा कर ज़्यादा से ज़्यादा महिलाओं को SHG से जुड़ने की लिए प्रेरित किया ताकि वो सशक्त बन अपने गांवों और शहरों को सशक्त कर सकें. संकुलों की अध्यक्षों ने अपने अनुभव और उपलब्धियां साझा किये. मुख्यमंत्री ने दीदियों से लखपति दीदियों की संख्या पूछी, लाड़ली बहना योजना की प्रगति के बारे में महिलाओं से जाना, उनके फॉर्म्स जमा हुए या नहीं हुए, इस योजना का उनमे कितना उत्साह है उस पर भी बात की. ये महिलाएं अपने समुदायों में महिलाओ को फॉर्म भरने में मदद करेंगी. योजना की सही जानकारी इन महिलाओं के ज़रिये समुदायों तक पहुंचेगी. आर्थिक सशक्तिकरण को पारिवारिक,सामाजिक, और राजनैतिक विकास का आधार बताया.
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मुख्यमंत्री द्वारा केटलॉग का विमोचन भी किया गया जिसमे SHG द्वारा निर्मित उत्पादों की सूची है. मुख्यमंत्री ने संगठित रहने पर ज़ोर दिया और बताया कि आगे चलकर लाड़ली बहना सेना भी बनाई जाएगी. ज़्यादा से ज़्यादा महिलाओं को समूहों से जोड़ने पर और समाज की कुरीतिओं को ख़त्म करने के लिए आवाज़ उठाने की लिए प्रोत्साहित किया. सबके साथ से विकास का सपना साकार हो सकता है.