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भारत के सभी राज्य अपनी नीतियों और योजनाओं में महिला सशक्तिकरण के लक्ष्य को प्राथमिकता दे रहे हैं. हाल ही में, मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड के.संगमा ने डॉन बॉस्को कॉलेज में एक सेमीनार के दौरान बताया कि सरकार ने कई आर्थिक गतिविधियों के ज़रिये महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए कई पहलों की शुरुआत की है. उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूह (Self Help Groups) आंदोलन के ज़रिये सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि महिलाएं आर्थिक रूप से स्वतंत्र हों.
संगमा ने बताया कि सरकार ने मां के स्वास्थ्य और कल्याण को भी प्राथमिकता दी है, जिसके लिए सुरक्षित मातृत्व कार्यक्रम चलाया गया. महिलाओं के रोज़गार के अवसर बढ़ाने के लिए स्वयं सहायता समूहों को प्रोत्साहन दिया. मेघालय देश के उन राज्यों में से एक है जहां ग्रामीण क्षेत्रों की 95 प्रतिशत महिलाएं स्वयं सहायता समूह आंदोलन का हिस्सा बनी हैं. आज राज्य में चार लाख से अधिक महिलाएं SHG से जुड़कर आर्थिक आज़ादी के सपने को पूरा कर रही हैं.
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संगमा ने बताया कि सरकार महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण को मज़बूती देने के लिए सकारात्मक मानसिकता के साथ काम कर रही है. महिलाओं के सामने तरह-तरह की समस्याएं हैं, लेकिन इस तरह की पहलों के ज़रिये बदलाव आ रहा है. उन्होंने हर क्षेत्र में महिलाओं के योगदान को सराहा और उन्हें अपना रोज़गार शुरू कर आत्मनिर्भर बनने और आर्थिक रूप से मज़बूत होने की सलाह दी. स्वयं सहायता समूहों से जुड़कर ये लक्ष्य पूरा किया जा सकता है.