"नदियां ,पहाड़ ,बादल और हमारी धरती ही हमारा असली अस्तित्व है. बाकी सब फ़ना है. सब भ्रम है. यदि इनके संरक्षण की चिंता और समर्पण न हो तो सब ग्लैमर झूठा है. और यही सोच मुझे यहां तक ले आई. मैं ऐसे कोई रोल नहीं करूंगा जो खुद के मन के साथ समाज में नकारात्मकता का माहौल खड़ा करे.नदियों का संरक्षण समय रहते न किया तो जीवन की यह यात्रा और हमारा अस्तित्व आने वाली पीढ़ी देख नहीं पाएगी." नदी संरक्षण (river conservation) जैसे संवेदनशील विषय पर बनी फिल्म "एक अंक" (Ek ank) के हीरो यजुवेंद्र प्रताप सिंह (Yajuvendra Pratap Singh) ने 'रविवार विचार' (Ravivar Vichar) से ख़ास बातचीत में कही.
(Photo Credits : Ravivar Vichar)
पर्यावरण दिवस (World Environment Day) पर अधिकांश लोग जब केवल मौखिक चर्चा कर रहे , उस समय कुछ लोग असली हीरो भी हैं जो अलग-अलग तरीके से आम लोगों को पर्यावरण के लिए जागरूक कर रहे. जंगल माफिया (jungle mafia) और रेत के अवैध उत्खनन के बीच बिगड़ते पर्यावरण और असंतुलित होती आबोहवा को बचाने के लिए 'एक अंक' मूवी बनाई गई.लगभग 60 दिन की कड़ी मेहनत से यह शूटिंग पूरी हुई. किसी भी गिनती या काम की शुरुआत एक अंक से ही होती है. इस टाइटल की थीम भी यही है.पर्यावरण प्रेमियों को इस फिल्म से बहुत उम्मीद है.
जून महीने के आखरी सप्ताह में यह मूवी लॉन्च होगी. केवल दो शब्द के एक डॉयलॉग 'लाठी उठा' की डिलीवरी इतनी प्रभावी रही कि होटल मैनेजमेंट कि पढ़ाई करने और इंटरनेशनल होटल में बड़े जॉब को ठुकरा कर यजुवेंद्र एक मंझे हुए आर्टिस्ट बन गए. कमर्शियल फिल्मों में मांग के बावजूद हीरो यजुवेंद्र अपने सिद्धांतों से समझौता करने को तैयार नहीं. इन दिनों उनके आने वाली फिल्म 'एक अंक' का टाइटल ट्रेक बतौर ट्रेलर रिलीज़ हुआ. रिलीज़ होते ही यह मूवी चर्चा में आ गई.
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एक नदी के संरक्षण और नदी की अंदर की व्यथा को बताती यह मूवी देश के वर्तमान हालातों में नदियों की दुर्दशा को दिखाने का प्रयास है. मूवी के मुख्य हीरो यजुवेंद्र सिंह कहते हैं -" इस मूवी के जरिए बताने की कोशिश की गई कि नदियों से कैसे हमारा जीवन है. और खास बात किसी भी देशवासी का 'नेशनल कैरेक्टर' क्या होना चाहिए, यह संदेश छुपा है. मूवी का हीरो बिजु और एक्ट्रैस गौरी किस तरह नदी संरक्षण और सफाई में जुटते हैं और कैसे कारवां बनता है ,यही इस फिल्म में दिखाया गया.पर्यावरण संरक्षण के संदेश लिए इस मूवी में यह भी दिखाया गया की जनभागीदारी के बिना पर्यावरण की सुरक्षा संभव नहीं है.
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'एक अंक' मूवी के डायरेक्टर प्रभात कुमार हैं. प्रोड्यूसर सीपी शर्मा और नीरू शर्मा हैं. साथ ही प्रीति शुक्ला एक्ट्रैस हैं. इस मूवी के गीतों को सोनू निगम, पलक मुछाल और पपॉन ने गाया हैं. एक घंटे 50 मिनिट की यह मूवी में काम करने वाले यजुवेंद्र सिंह आगे बताते हैं - "इसके पहले उन्होंने कन्या भ्रूण हत्या थीम पर बनी मूवी 'बियाबान' और 'लिटिल बॉय' जैसी मूवी में भी काम कर चुकें हैं. मुझे ख़ुशी है कि है इस मूवी और पर्यावरण की पैरवी करने वाली मूवी को नमामि गंगे, सेव अरावली, नीर फाउंडेशन, तरुण भारत संघ, राष्ट्र जागरण अभियान जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों ने सराहना की और अपना समर्थन दिया है."
थियेटर आर्टिस्ट (theatre artist) के रूप में अपना करियर की शुरुआत करने वाले यजुवेंद्र सिंह में डॉ. उर्मिल कुमार थपलियाल, हबीब तनवीर के चर्चित नाटक में हिस्सा ले चुके हैं. यजुवेंद्र लोकप्रिय फिल्म निकाह और बागबान फिल्म की लेखिका डॉ.अचला नागर के बेटे संदीपन विमल कांत को वे अपना गुरु मानते हैं. मूलतः यूपी के सुल्तानपुर जिले के लंभुआ के निवासी हैं और अब अयोध्या में परिवार रहता है.
(Photo Credits : Ravivar Vichar)
सामाजिक सरोकार से जुड़ी फिल्मों में व्यस्त यजुवेंद्र सिंह की अगली फिल्म 'महापौर' होगी. इसमें एक आदर्श और स्वच्छ शहर की सोच के साथ कूड़ा प्रबंधन जैसे विषय को फोकस किया है. इसके डायरेक्टर अविनाश हैं जबकि लेखक सर्वदमन सिंह हैं.
एक अंक मूवी ने नदी के उद्गम और उसके प्रवाह के माध्यम से पर्यावण संकट की दस्तक और उम्मीदों को दिखाया. झारखंड में रांची और नेतरहाट के इलाकों में इसकी शूटिंग हुई. 'रविवार विचार' हर उस पहल का समर्थन करता जो पर्यावरण संरक्षण की पहल का हिस्सा है.