मध्यप्रदेश के दतिया के पास बसे थरेट और सेगुंवा गाँव में सायलो केंद्र स्थापित किये गए. इस इलाके का यह पहला सायलो केंद्र है जो किसानो और स्वयं सहायता समूह महिलाओं के लिए मददगार साबित होगा. SHG महिलाएं ही इस सायलो केंद्र का भण्डारण और प्रबंधन देखेंगी. इन सायलो केंद्र पर रजिस्टर्ड किसान 80 हजार मैट्रिक टन तक गेहूं बेच सकेंगे. 15 खरीदी केंद्र भी जिला प्रशासन ने स्थापित किए हैं जो की सायलो केंद्र के लिए खरीदी करेंगे. सेवढ़ा और इंदरगढ़ क्षेत्र में 8006 किसानों ने अपनी उपज को समर्थन मूल्य पर बेचने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है. इस बार समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी सायालो प्लांट के कारण आसानी से हो सकेगी. सायलो प्लांट में उपलब्ध तकनीकी आधुनिक होने के कारण न तो बोरी, बारदाना और बिचौलियों की ज़रूरत पड़ेगी. किसान अपना गेहूं सीधे सायलो बैग में बिना कमीशनखोरी और कम समय में बेच सकते है. गेहूं का परीक्षण कराने के बाद तुरंत ट्राली में भरा गेहूं धर्मकांटा में वजन किया जाएगा और धरती पर ढेर लगाए बिना एक बार में ही पूरा गेहूं बेचा जाएगा.
सेवा सहकारी समिति, चीना, परसौदा बामन, भगुआपुरा, देभई, सेंगुवा, ररुआजीवन, सिकिरी, भलका, कुलैथ, और जय मां शीतला स्वयं सहायता समूह गुमानपुरा, श्री जी स्वयं सहायता समूह ररूआजीवन, बजरंग स्वय सहायता समूह सुखदेवपुरा सिद्धगुरु स्वयं सहायता समूह सुखदेवपुरा, रानी लक्ष्मीबाई स्वयं सहायता समूह कुदारी, जय मां रतनगढ़ माता स्वयं सहायता समूह सीकरी को सायलो केंद्र गेहूं बिक्री के लिए चुना गया है. ऐसे और सायलो केंद्र जहां SHG महिलाओं की मदद से काम हो सकता है साथ ही और उनके FPO बनाने में बड़ा कदम साबित होगा.