SHG बना बड़ा वोट बैंक

हाल ही में, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने कहा कि राज्य सरकार ने स्वयं-सहायता समूहों को भारी अनुदान दिया है जिसकी वजह से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को पिछले चुनाव में महिलाओं से ज़्यादा वोट मिले हैं. 

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Maik Saha Tripura

Image Credits: India Today NE

स्वयं सहायता समूहों (Self Help Groups-SHG) में दिन-ब-दिन बढ़ती महिलाओं की संख्या को वोट बैंक में बदलने की कोशिश जारी है. राज्य सरकारें अपने चुनावी फायदों के लिए इस वोट बैंक का इस्तेमाल कर रहे हैं. हाल ही में, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने कहा कि राज्य सरकार ने स्वयं-सहायता समूहों को भारी अनुदान दिया है जिसकी वजह से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को पिछले चुनाव में महिलाओं से ज़्यादा वोट मिले हैं. 

रवींद्र भवन में भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए साहा ने कहा कि चुनाव के दौरान पार्टी के महिला मोर्चे ने महिला मतदाताओं के वोट बढ़ाने के लिए स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के वोट को अपने पक्ष में किया. भाजपा-आईपीएफटी सरकार ने स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के ज़रिये महिलाओं को भारी धनराशि दी है. जिसकी वजह से पुरुष मतदाताओं की तुलना में महिला मतदाताओं ने भाजपा को 3 प्रतिशत वोट ज़्यादा डाला. 

साहा ने पिछले विधानसभा चुनाव में भाजयुमो की भूमिका की भी तारीफ की. उन्होंने कहा, “युवा मोर्चा हमेशा पार्टी के लिए ताकत बना रहा है. चाहे वह चुनाव हो या महामारी, हम सुरक्षित महसूस करते हैं क्योंकि युवा मोर्चा हमेशा सरकार और पार्टी के पीछे खड़ा रहा है.” उन्होंने नीति निर्माताओं से एक साथ मिलकर राज्य के लिए काम करने का आग्रह किया. मुख्यमंत्री द्वारा इतने बड़े मंच पर कही गई ये बात इस बात का सबूत है कि SHG महिलाओं की ताकत को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता. आज ये महिलायें, राज्य स्तर की राजनीति पर प्रभाव डालने का ज़ोर रखती हैं. 

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