चाहे विषय सामाजिक परिवर्तन (social change) का हो, हेल्थ (health) का हो, या रोज़गार का,डॉ. संगीता रेड्डी (Dr Sangita Reddy) इन सभी मुद्दों पर न केवल बात, पर डट कर काम भी कर रही है. डॉ. संगीता रेड्डी एक ग्लोबल हेल्थकेयर लीडर, भारतीय उद्यमी और मानवतावादी है. वह Apollo Hospitals Enterprise Limited - एशिया के सबसे बड़े और सबसे भरोसेमंद स्वास्थ्य सेवा समूह की जॉइंट मैनेजिंग डायरेक्टर (Joint Managing Director) है. डॉ. संगीता रेड्डी फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (FICCI) की तत्काल पूर्व अध्यक्ष भी रह चुकी है.
तकनीकी प्रगति (technical progress) के ज़रिये स्वास्थ्य सेवा प्रणाली (healthcare system) में बदलाव लाने के लिए, वह स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में बदलाव को गति दे रही है. स्वास्थ्य सेवा में परिवर्तन लाने, स्वास्थ्य आईटी के विकास, और भारत और विदेश दोनों में कई अनोखी पहल करने के लिए उन्हें मैक्वेरी यूनिवर्सिटी ऑस्ट्रेलिया ने डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया है. डॉ. रेड्डी आईओटी, एआई, डेटा एनालिटिक्स, ड्रोन टेक और ब्लॉक चेन के ज़रिये भविष्य की स्वास्थ्य देखभाल परियोजनाओं में बेंचमार्क स्थापित कर रही है. उनके नेतृत्व में, अपोलो हॉस्पिटल्स ने लगातार तीन HiMSS-Elsevier ICT उपलब्धि पुरस्कार प्राप्त किए और चार अस्पतालों ने HiMSS लेवल-6 सर्टिफिकेशन प्राप्त किया. डॉ. संगीता रेड्डी मेडिकल कॉलेज, ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म मेडवर्सिटी, और अपोलो मेडस्किल्स की भी शुरुआत कर चुकी है ताकि हेल्थकेयर के क्षेत्र में ह्यूमन कैपिटल को कल के लिए मज़बूत बनाया जा सके. डॉ. संगीता 'सेव ए चाइल्ड्स हार्ट इनिशिएटिव', SAHI, क्योर और बिलियन हार्ट्स बीटिंग फाउंडेशन, टोटल हेल्थ फाउंडेशन को शामिल करने वाली एक अम्ब्रेला इकाई अपोलो फिलैंथ्रोपी की प्रमुख भी है.
Image Credits: Apollo Hospitals
G20 EMPOWER महिलाओं की भागीदारी पर ध्यान केंद्रित करने वाले सदस्यों का एक गठबंधन है. संगीता रेड्डी ने G20 एम्पॉवर के हेड के रूप में भारत द्वारा की गई पहलों को मिली वैश्विक मान्यता पर बात की. उन्होंने चुनौतियों की गहराई, समाधानों की विविध रेंज और G20 की अध्यक्षता के दौरान भारत सरकार द्वारा की गई सराहनीय पहलों पर चर्चा की. उन्होंने बताया कि G20 EMPOWER उन महिलाओं के लिए है जो विकास का हिस्सा बन सकती हैं, पर अवसर न मिलने की वजह से वो कार्यबल का हिस्सा नहीं बन सकी. उन्होंने कहा, "महिला भागीदारी से आर्थिक विकास मुमकिन", डॉ. संगीता रेड्डी.
संगीता रेड्डी का मानना है कि आज की महिला को टॉप पोज़िशन पर जाने के लिए आत्मविश्वास, दृढ़ संकल्प, कड़ी मेहनत और व्यावसायिक बुद्धिमत्ता की भावना विकसित करने की ज़रुरत है. रेड्डी का कहना है कि वीमेन एंट्रेप्रेन्योरशिप (entrepreneurship) को बढ़ावा देना भारत की प्राथमिकता होना चाहिए, क्योकि यही वो ज़रिया है जिससे भारत को 5 ट्रिलियन इकॉनमी बनने में गति मिल सकती है. वह बताती है कि भारत सरकार के राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (National Rural Livelihood Mission) से जुड़ कर ग्रामीण महिलाएं आत्मनिर्भर बनने का सफर तय कर रही हैं. वे कार्यबल का हिस्सा बन राज्य और देश की अर्थव्यवस्था में योगदान दे रही हैं. रेड्डी कहती है, "लैंगिक समानता लाने और सभी महिलाओं और लड़कियों के सशक्तिकरण को हासिल करने के लिए डिजिटल युग में इनोवेशन, तकनीकी परिवर्तन, और शिक्षा को बढ़ावा देना होगा."