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वह विकास अधूरा है जो गांवों की गलियों से होकर न गुज़रे. ग्रामीण इलाकों में रोज़गार और विकास को पहुंचाने में ग्रामीण स्वरोजगार संस्थानों की भूमिका काफी बढ़ जाती है. ये संस्थान ग्रामीण युवक-युवतियों को हुनरमंद बनाकर रोज़गार शुरू करने में मदद करते हैं. बिहार में एक लाख 25 हजार युवाओं को ट्रेनिंग मिली है, जिसमें से 85 हज़ार युवा रोजगार से जुड़े हैं. यूको बैंक द्वारा संचालित ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (आरसेटी) बेगूसराय में कई सर्टिफिकेट कोर्सेस की शुरुआत की. इस मौके पर केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने डोमेन स्किल ट्रेनर सर्टिफिकेशन एंड ट्रेनिंग और सेल फोन सर्विस एंड रिपेयर ट्रेनिंग के लिए प्रोग्राम लॉन्च किए. इस अवसर पर 50 करोड़ से अधिक का लोन भी वितरित किया गया.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गिरिराज सिंह ने कहा कि ग्रामीण विकास से ही देश का विकास संभव है. और इस विकास को आगे बढ़ने के लिए निपुण बनना होगा जिसके लिए युवाओं का प्रशिक्षित होना ज़रूरी हो जाता है. किसी भी कला क्षेत्र में प्रमाणित होने से विश्वसनीयता बढ़ती है. ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान ग्रामीण युवाओं को अपना रोज़गार शुरू कर आत्मनिर्भर बनने में सहायता कर रही है. आरसेटी ने देशभर में 44 लाख लोगों को प्रशिक्षण दिया. गिरिराज सिंह ने कहा कि यदि बैंक परफेक्ट लोन देकर अपनी ज़िम्मेदारी पूरी करे तो रोज़गार बढ़ सकेंगे.
Image Credits: @MoRD_GoI
रोज़गार से जोड़ने वाली पहलों की वजह से स्वयं सहायता समूह की दीदियों को रोज़गार मिला है. आरसेटी की मदद से ग्रामीण क्षेत्र के युवक और युवतियों को भी आमदनी शुरू करने का ज़रिया मिल सकेगा. आर्थिक आज़ादी से ही पारिवारिक, सामाजिक, और राजनैतिक स्थिति में बदलाव आ सकेगा.