गोबर कारोबार से हट रही गरीबी

छत्तीसगढ़ में गोधन न्याय योजना महिलाओं के लिए फायदेमंद साबित हुई. ये सभी महिलाएं गौठान और स्वयं सहायता समूह से जुड़ीं हैं. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने समूह की महिलाओं और गौठान की सदस्यों के खाते में एक बार और किश्त डाली.

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Godhan Nyay Yojana in Chattisgarh

वर्मी कंपोज़्ड खाद तैयार करती सूरजपुर जिले के समूह की सदस्य (फोटो क्रेडिट : रविवार विचार)

छत्तीसगढ़ में गोधन न्याय योजना (Godhan Nyay Yojna) महिलाओं के लिए फायदेमंद साबित हुई. केवल गोबर (Cow Dung) इक्कठा करने और सरकार को बेचने से बड़ा लाभ हो गया. गोबर के कारोबार से महिलाओं की गरीबी हट रही. ये सभी महिलाएं गौठान (Gauthan) और स्वयं सहायता समूह (Self Help Group) से जुड़ीं हैं. मुख्यमंत्री (CM) भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने समूह (SHG) की महिलाओं और गौठान (Gauthan)  की सदस्यों के खाते में एक बार और किश्त डाली. एक वर्चुअल आयोजन में एक क्लिक में यह राशि ट्रांसफर की. 

सीएम (CM) ने पशुपालक ग्रामीणों, गौठानों से जुड़ी महिला समूहों और गौठान समितियों को 18 करोड़ 47 लाख रूपए की राशि ऑनलाइन जारी की. इसमें 15 जून से 30 जून तक 2.52 लाख क्विंटल गोबर लेकर सरकार ने भूमिहीन लोगों को 5.05 करोड़ रूपए, गौठान समितियों को 7.79 करोड़ रूपए और महिला समूहों को 5.53 करोड़ रूपए ट्रांसफर किए. 

Godhan Nyay Yojana in Chattisgarh

वर्मी कंपोज़्ड खाद तैयार करती सूरजपुर जिले के समूह की सदस्य (फोटो क्रेडिट : रविवार विचार)


गौठान समितियों को मिला महत्व 

गोधन न्याय योजना (Godhan Nyay Yojna) के तहत गोबर खरीदी में स्वावलंबी गौठानों की भूमिका हर पखवाड़े आगे बढ़ती जा रही. बीते कई महीनों से गोबर कारोबार में गौठान सदस्यों की हिस्सेदारी 60 से 70 प्रतिशत तक हो गई. प्रदेश के जिलों में पदस्थ जिला मिशन प्रबंधकों (DMM) का कहना है - "60  प्रतिशत से अधिक गौठान स्वावलंबी हो चुके हैं, जो स्वयं की राशि से गोबर (Cow Dung) एवं गौमूत्र (Cow Urine) की खरीदी के साथ-साथ गौठान के दूसरे खर्चे खुद के पैसों कर रहे हैं. गोधन न्याय योजना (Godhan Nyay Yojna) के तहत राज्य में अब तक 507.14 करोड़ रूपए का भुगतान सरकार ने किया. 5 जुलाई को सीएम ने 18.47 करोड़ के भुगतान किया." 

Godhan Nyay Yojana in Chattisgarh

वर्मी कंपोज़्ड खाद की बोरियां  (फोटो क्रेडिट : रविवार विचार)

2 रुपए किलो गोबर ! 

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) सरकार ने स्वयं सहायता समूह और गौठान समितियों से जुड़ी महिलाओं के अलावा भूमिहीनों से सरकार पिछली 20 जुलाई 2020 से गोधन न्याय योजना के तहत 2 रूपए किलो में गोबर की खरीदी कर रही. 30 जून 2023 तक इस योजना में गौठानों में 123.56 लाख क्विंटल गोबर की खरीदी की गई. गोबर विक्रेताओं को अब 247.12 करोड़ रूपए का भुगतान किया जा चुका है.  गौठान समितियां भूमिहीनों और दूसरे लोगों से यह गोबर खरीदती है. इस गोबर को स्वयं सहायता समूह को दिया जाता है. समूह की सदस्य इस गोबर से वर्मी कंपोज़्ड खाद तैयार करती है. किसान फिर यही कंपोज़्ड उपयोग कर लेते हैं. इस प्रक्रिया में चैनल में सभी को आर्थिक लाभ होता है. गौठान समितियों एवं महिला स्व-सहायता समूहों को 231.53 करोड़ रूपए का भुगतान किया जा चुका है. गौठान समितियों तथा स्व-सहायता समूह को 5 जुलाई को 13.42 करोड़ रूपए के भुगतान के बाद यह आंकड़ा बढ़कर 244.95 करोड़ रूपए हो गया.

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