2014 में जब से प्रधानमंत्री ने 'स्वच्छ भारत अभियान' की शुरुआत की, तब से देश की जनता में सफाई की प्रति एक नए जोश देखने को मिला. इंदौर इस दौड़ में 6 साल से सबसे आगे है. 'ग्रीन ग्वालियर क्लीन ग्वालियर' के नारे के साथ ग्वालियर भी इस मुहीम में आगे आने के प्रयास में लगा हुआ है.
ग्वालियर संभागीय आयुक्त दीपक सिंह ने बुधवार को बाल भवन में आयोजित पौधा रोपण प्लानिंग की बैठक में कहा- "शहर व उसके आस-पास वृक्षारोपण करने व सभी पौधों का संरक्षण करने के लिए सभी को मिलकर साथ आना होगा. सभी विभाग, संस्थायें एवं सामाजिक कार्यकर्ता पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझें और इस अभियान को घर-घर पहुँचाएं, जिससे जिले का प्रत्येक घर पौधा रोपण अभियान में जुड़ सके. जिसके यहां जगह है वह अपने आंगन अथवा भवन परिसर में और जिसके यहां जगह नहीं है वह गमलों में पौधा रोपण कर इस अभियान में सहभागी बनें." बैठक में कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह ने कहा- "यदि हमारा ग्वालियर हरा भरा होगा तो स्वच्छ भी होगा और शहरवासी स्वस्थ रहेंगे. इसलिए सभी लोग मिलकर जिम्मेदारी के साथ अधिक से अधिक पौधा रोपण करें और पौधों के संरक्षण की जिम्मेदारी लें."
नगर निगम आयुक्त हर्ष सिंह ने कहा- "नगर निगम ग्वालियर द्वारा आगामी पौधा रोपण को लेकर योजना तैयार की है जिसमें हम शहर के लगभग 110 अर्धविकशित पार्कों में प्लांटेशन करेगें तथा नये रोड पर डिवाइडर व अन्य स्थानों पर जगह चिन्हित कर पौधा रोपण की योजना तैयार कर ली है." सीईओ जिला पंचायत विवेक कुमार ने कहा- "जिला पंचायत द्वारा मनरेगा के प्रोजेक्ट में तथा अन्य नई लोकेशन चिन्हित करने के साथ ही घाटीगांव के आस-पास पौधा रोपण किया जाएगा. इसके साथ ही अमृत सरोवर योजना तथा ग्रामीण क्षेत्र के स्कूल व आंगनवाडी क्षेत्रों को भी चिन्हित किया जाएगा."
पूर्व संभागीय आयुक्त बीएम शर्मा ने कहा- "इस बार मौसम विभाग द्वारा इस क्षेत्र में कम बारिश की संभावना व्यक्त की है इसलिए हमें कम पानी वाले पौधों का चयन करें. इसके साथ ही डिवाइडर इत्यादि पर पौधे लगाते समय उसकी जिम्मेदारी समिति को दें तथा समिति को प्रशिक्षित भी करें. शहरवासियों में पर्यावरण के लिए निजी प्रयासों के आधार पर सबसे अच्छे गार्डन, टैरिफ गार्डन के बारे में सबको बताएं और उन्हें पुरुस्कार भी दें." ग्वालियर शहर की तरफ से लिया गया यह कदम एक बहुत बड़ी पहल है. देश के हर जिले में इस सोच की बहुत ज़रूरत है. जिस तरह गर्मी का स्तर बढ़ रहा है, देश में ऐसी पहल की बहुत ज़रूरत है. स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को भी इस योजना को आगे बढ़ाने की ज़िम्मेदारी लेनी चाहिए. भविष्य की सुरक्षा के लिए यह कदम उठाना सिर्फ सरकार के लिए ही नहीं बल्कि हर व्यक्ति के लिए ज़रूरी है.