प्लास्टिक मुक्त होंगे पहाड़

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में World Environment Day पर राज्य स्तरीय समारोह में मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज घोषणा की कि सरकार प्लास्टिक का विकल्प तलाशने के लिए एक साल के अंदर ही नीति तैयार करने का फैसला कर चुकी है.

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रिसिका जोशी
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Women collecting plastic

Image Credits: Life Gate (Image for Representation purpose Only)

पर्यावरण की सुरक्षा पूरी दुनिया में एक बहुत ही गंभीर मुद्दा है और सरकारें इस विषय को प्राथमिकता बना चुकी है. कल, यानि 5th जून को 'वर्ल्ड एन्वॉयरन्मेंट डे' कहा गया है, लेकिन सिर्फ एक दिन बल्कि हर दिन हमें पर्यावरण को बचाने के लिए अपना हर प्रयास करना चाहिए. भारत में जिस तरह से प्रदुषण की समस्या बढ़ रही है, सरकार के लिए यह एक गंभीर विषय बन चूका है. इसी परेशानी को ख़त्म करने की पहल में हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में World Environment Day पर राज्य स्तरीय समारोह में मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज घोषणा की कि सरकार प्लास्टिक का विकल्प तलाशने के लिए एक साल के अंदर ही नीति तैयार करने का फैसला कर चुकी है. इस निति के तहत सरकार बिज़्नेसेस को प्लास्टिक का विकल्प अपनाने के लिए प्रोत्साहित करेगी और धीरे धीरे राज्य में प्लास्टिक के उपयोग पर पूरी तरह बैन लगाएगी. 

मुख्यमंत्री ने सड़क निर्माण में प्लास्टिक के उपयोग का भी सुझाव दिया. उन्होंने बच्चों के बीच जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए स्कूल में पर्यावरण विषयों को शामिल करने के महत्व पर भी जोर दिया. शिमला में विश्व पर्यावरण दिवस पर एक रैली भी निकाली. मुख्यमंत्री ने क्लाइमेट चेंज के प्रभावों पर जोर दिया, जिसके कारण अन्य राज्य हिमाचल प्रदेश से पानी की मांग कर रहे हैं. मुख्यमंत्री ने राज्य के पहले ग्रीन बजट के बारे में बात की जो रिन्यूएबल एनर्जी इनिशिएटिव्स को प्राथमिकता देता है और वन टाइम यूज़ प्लास्टिक को बंद करने के मुद्दे पर भी ज़ोर देता है. ग्रीन कॉरिडोर बनाने में हिमाचल प्रदेश सबसे आगे है और ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है. 

पर्यावरण संरक्षण के समर्थन में मुख्यमंत्री ने सस्टेनेबल प्रैक्टिसेज को बढ़ावा देते हुए महिला स्वयं सहायता समूहों (SHG) को दोना-पत्तल मशीन बाटी और महिलाओं को सोलर लाइट प्रदान की. उन्हें पर्यावरण जागरूकता के प्रतीक के रूप में रिन्यूएबल प्लास्टिक से बनी जैकेट भी भेंट की गई. आयोजन में, बहुत से self help groups और संगठनों की एक प्रदर्शनी का उद्घाटन किया गया. हिमाचल प्रदेश की सकरार की यह पहल एक बहुत ही बड़ा कदम है पर्यावरण संरक्षण की ओर. जिस तरह से देश में प्लास्टिक प्रदुषण की समस्या बढ़ रही है, सिर्फ हिमाचल ही नहीं बल्कि हर राज्य को यह नीति अपनाने की सख्त ज़रूरत है. महिला SHGs का साथ और सरकार की कोशिशें बहुत जल्द बदलाव लाएंगी.

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