IIT गुवाहाटी से तकनीक पहुंच रही गांवों तक

तकनीकी विकास को ग्रामीण और दूरदराज़ के क्षेत्रों में ले जाने की ज़रुरत है. इसी लक्ष्य को पूरा करने के लिए IIT गुवाहाटी ऐसी प्रौद्योगिकियों को विकसित करने पर ध्यान दे रहा है जो SDG के अनुरूप हों ताकि पश्चिमी देशों पर भारत की निर्भरता ख़त्म हो सके. 

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मिस्बाह
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IIT guwahati

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देश में तकनीकी विकास (technological progress) को बढ़ावा देने के लिए सभी 23 IITs योगदान दे रहे हैं. तकनीकी विकास को ग्रामीण और दूरदराज़ के क्षेत्रों में ले जाने की ज़रुरत है. इसी लक्ष्य को पूरा करने के लिए आईआईटी गुवाहाटी (IIT Guwahati) ऐसी प्रौद्योगिकियों को विकसित करने पर ध्यान दे रहा है जो सतत विकास लक्ष्यों (SDG) के अनुरूप हों ताकि पश्चिमी देशों पर भारत की निर्भरता ख़त्म हो सके. 

देश में सर्वश्रेष्ठ प्रतिभा को आकर्षित करने की साथ-साथ संस्थान सामाजिक बेहतरी (social progress) में योगदान देने की अपनी जिम्मेदारी को भी पहचानता है. संस्थान भूकंप और भूस्खलन प्रभावी क्षेत्रों में से एक है. IIT आपदा प्रबंधन अथॉरिटी (Disaster Management Authority) के साथ सहयोग करता है. आपदा प्रबंधन (Disaster Management) के लिए काम कर रहे विभागों को एकजुट लाने के लिए आपदा प्रबंधन और अनुसंधान केंद्र (CDMR) की शुरुआत की गई है. मिट्टी की उत्पादकता (soil productivity) बढ़ाने और खाद्य पदार्थों की शेल्फ-लाइफ (shelf life) बढ़ाने वाली तकनीकें प्रदान करने के लिए स्वयं सहायता समूहों (Self Help Groups) के साथ मिलकर काम करते हैं. इन प्रौद्योगिकियों से सशस्त्र बलों (armed forces) को भी फायदा होता है. आईआईटी गुवाहाटी ने वेस्ट मैनेजमेंट (waste management) तकनीक भी विकसित की है जो 3डी प्रिंटर (3D printer) का इस्तेमाल कर कचरे को इस्तेमाल करने लायक सामग्री में बदल देती है, जो भारत के लिए आर्थिक रूप से फायदेमंद है.

समुदाय की ज़रूरतों को देखते हुए, आईआईटी गुवाहाटी स्वच्छता (cleanliness), स्वच्छ जल (clean water) और रेन वॉटर हार्वेस्टिंग (rain water harvesting) के लिए काम कर रहा है. आईआईटी गुवाहाटी ने सतत विकास लक्ष्यों पर एक पाठ्यक्रम (course) भी शुरू किया है.आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (AI) की ज़रुरत को पहचानते हुए, संस्थान एआई, डेटा विज्ञान (data science) और डेटा सिस्टम (data system) में कोर्सेज के मौके दे रहा है. डेटा साइंस में मास्टर प्रोग्राम भी शुरू किया है. इसके अलावा, संस्थान को मेडिकल स्कूल (medical science) स्थापित करने के लिए असम राज्य सरकार से फंडिंग मिली है.

IIT गुवाहाटी के प्रयास सिर्फ तकनीकी दौड़ में आगे बढ़ने की ओर नहीं, पर समुदायों के विकास पर ध्यान देते हैं. तकनीक को गांवों में लेकर जाने की ज़रुरत है ताकि विकास की मुख्य धारा से ये दूर न हो जाए. तकनीक की मदद से सामुदायिक समस्याओं (community challenges) को दूर करने की ज़रुरत है.  समाधान को ज़मीनी स्तर पर लागू करने के लिए सामुदायिक भागीदारी ज़रूरी है. स्वयं सहायता समूह के महिलाओं को इसमें शामिल कर आसानी से तकनीक की मदद लेकर समाधान ढूंढे जा सकते हैं. इससे उन्हें आजीविका का अवसर मिलेगा और सामाजिक बदलाव को गति. 

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