आई' (माँ) शब्द सुनते ही उसका स्नेह करना, फ़िक्र करना, सर-आखों पर रखना, सब याद आता है. भाषा चाहे कोई भी हो, माँ की ममता कभी नहीं बदलती. जितना प्यार एक 'आई' करती है उसे बयान करना है तो मुश्किल, लेकिन उससे कुछ हद तक मिलती हुई एक अनोखी पॉलिसी ज़रूर शुरू की गयी है महाराष्ट्र में. Maharashtra cabinet ने 'आजादी का अमृत महोत्सव' के तहत 'आई' (मां) पर्यटन नीति को लागू करने की मंजूरी दे दी. कैबिनेट ने कुछ पर्यटन स्थलों पर महिलाओं द्वारा चलाई जाने वाली बाइक-टैक्सी सेवाओं को भी मंजूरी दी. 'आई नीति' को लागू करने के लिए पर्यटन निदेशालय (Directorate of Tourism) के तहत Women Tourism Policy Cell बनाया जाएगा.
इस पॉलिसी के तहत महिला उद्यमिता को बढ़ावा देना, उनके लिए बुनियादी ढांचे का निर्माण, महिला पर्यटकों की सुरक्षा को प्राथमिकता देना, महिला पर्यटकों के लिए उत्पादों को अनुकूलित करना और महिला यात्रियों को छूट प्रदान करना शामिल है. मुख्यमंत्री कार्यालय के एक बयान में कहा गया- "नीति के प्रभावी implementation के लिए पर्यटन मंत्री की अध्यक्षता में एक task force का भी गठन किया जाएगा." नीति के तहत, हर तालुका में 10 महिलाओं के द्वारा चलाए जाने वाले पर्यटन व्यवसाय - होमस्टे, होटल, रेस्तरां और टूर और ट्रैवल एजेंसियां - पर्यटन निदेशालय (DTO) के साथ स्थापित करने में वित्तीय सहायता दी जाएगी. महाराष्ट्र में यह नीति लागू होने से महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण बहुत तेजी से होगा. स्वयं सहायता समूहों (SHG) की महिलाएं भी सरकार के साथ मिलकर इस नीति के तहत अपना व्यापार शुरू कर सकतीं है. हर self help group में ऐसी कई महिलाएं है, जो इन सब कार्यों में आगे आकर आत्मनिर्भर बन पाएंगी और अपना भविष्य सवार पाएंगी.